धुलिया। प्रथम चरण
तेरापंथ संघ के अनेक विशेष उत्सवों में चरमोत्सव का अपना महत्व है। श्री मद् जयाचार्य की यह अनुपम देन है। चैन्नै में पूज्य गुरुदेव की सन्निधि में भक्ति एवं उल्लासमय वातावरण में यह कार्यक्रम आयोजित है। आज का अहोरात्र तेरापंथ धर्मसंघ के लिए भिक्षुमय है। अमर कत्तृर्व की यशोगाथा है चरमोत्सव — ये उद्गार आचार्य महाश्रमणजी की विदुषी सुशिष्या साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में व्यक्त किए। साध्वीश्री अपनी ओजस्वी शैली में सिरियारी के संत की जीवन -झांकी प्रस्तुत की। प्रखर वक्ता साध्वीश्री डा.योगक्षेमप्रभाजी ने अपने प्रेरक वक्तव्य में कहा–आचार्य भिक्षु का धरती पर आगमन आगाज अनवेषय का अवतरण था। सत्य के शोधन का अवतरण था। आत्मार्थी साधक का अवतरण था। साध्वीश्री मुदितप्रभाजी ने भिक्षु मंत्र महान गीत की मधुर प्रस्तुति दी। तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरजमल जी सूर्या ने विस्तार से आचार्य भिक्षु के जीवन की प्रस्तुति दी।
द्वितीय चरण
सुरोभरी शाम: वीर भिक्षु के नाम
216 वें भिक्षु चरमोत्सव के उपलक्ष में तेरापंथ भवन धुलिया में विराट धम्म जागरण सुरोभरी शाम : वीर भिक्षु के नाम सफलतम रही । इस धम्म जागरण में भिक्षु के भजनों से भक्ति का रेला बहाया मुख्य संगायक चैन्नै से समागत भाई नवीन बोहरा ने ! विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी के पावन सान्निध्य में आयोजित इस भजन संध्या की शुरुआत तेरापंथ प्रबोध के सहसंगान से हुई। शनिवार की शाम 7 से 8 बजे अच्छी संख्या में भाई-बहनों ने सामायिक अनुष्ठान में भाग लेकर तेरापंथ के आध्यप्रणेता को अपनी श्रद्धा समर्पित की। उपस्थित श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए विदुषी साध्वीश्री निर्वाणश्री जी ने कहा–भिक्षु के नाम में वह शक्ति है जो हर किसी के अधरों पर मिठास भर देती है। आचार्य भिक्षु के गीत जब गुनगुनातें है तब वातावरण में अद्भुत शक्ति का संचार हो जाता है। आज भाई नवीन ने अपनी मधुर स्वर लहरी से वातावरण को भिक्षुमय बना दिया है। साध्वीश्री योगक्षेमप्रभाजी ने अपने वक्तव्य में कहा-आज धुलिया में चरमोत्सव का एक अजब ही नजारा खिला है। सुबह 6 बजे से आचार्य भिक्षु के 13 घंटे का अस्खलित जप प्रातः कालीन कार्यक्रम , शनिवारीय सामायिक और अब भिक्षु भक्ति से लहराता भक्तों का समुदाय सचमुच ही मनोहारी है। मधुर संगायक भाई नवीन बोहरा ने भगवान पार्श्व भगवान एवं चौबीस तीर्थंकरों की स्तुति करते हुए आचार्य भिक्षु के गीतों का एक सिलसिला सा चला दिया। इस मौके पर डूंगरी के समागत भावोश हिरण , साक्री से भूषण कांकरिया ,पिपलनेर से सोनाली गोगड़ आदि ने भी अपनी प्रस्तुतियों से सबका मन मोहा । तेरापंथ सभा धुलिया की और से अध्यक्ष सुरजमल जी सूर्या ने सबका स्वागत किया। समागम नवीन बोहरा,भावेश हिरण का श्री नानकरामजी तनेजा ,तेऊराम मन्दिर के संत दिलीप जी महाराज का साहित्य से सम्मान किया। कार्यक्रम सायं 7 बजे से 10.30 बजे तक सरसता के साथ चला। यह जानकारी संगीता सूर्या ने दी।