- मुंबई में मौत का डर बढ़ाता कोरोना का आंकड़ा
- व्यापार ढाई महीनों से ठप, महीने भर बाद होगा शुरू
- मुंबई में रहकर क्या करे, सो हर कोई जा रहा है गांव
मुंबई। कोरोना के कहर ने प्रवासी राजस्थानियों को हिलाकर रख दिया है। जान पर जोखिम बनकर उभर रहे कोरोना संकटकाल से परेशान उद्यमी, व्यापारी, प्रोफेशनल, नौकरी पेशा आदि हर क्षेत्र के प्रवासी राजस्थानी हर हाल में मुंबई छोडना चाहते हैं। प्रवासी राजस्थानियों का मानना है कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार कोरोना कंट्रोल में कामयाब रही है और मुंबई जितना संक्रमण का खतरा राजस्थान में, विशेषकर वहां के गांवों में नहीं है। इसीलिए वे हर हाल में जाना चाहते हैं।
पिछले सवा दो महीने से मुंबई में लॉकडाउन की परेशानियां झेल रहे करीब 3 लाख से ज्यादा लोग अब तक चले गए हैं। प्रवासी राजस्थानी समाज एवं सरकार के बीच सेतु का काम कर रहे निरंजन परिहार ने इस संख्या की तस्दीक करते हुए कहा कि कहा कि पिछले सप्ताह के अंत तक 1 लाख 86 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर एवं करीब 1. 25 लाख के आसपास व्यापारी, उद्यमी व नौकरीपेशा लोग भी राजस्थान में अपने गांव पहुंचे है। परिहार के मुताबिक अशोक गहलोत सरकार की ओर से प्रवासियों की सुविधा के लिए जयपुर में स्थापित कॉल सेंटर में मुंबई से राजस्थान जाने के लिए 5.60 लाख लोगों ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया था। वे बताते हैं कि इतनी बड़ी संख्या में तो लोग दंगों के वक्त भी मुंबई छोड़कर नहीं गए थे। तेजी से कोरोना के बढ़ते संक्रमण, पैर पसारते मौत के आंकड़े और लॉकडाउन में बंद हो चुकी कमाई के अलावा बढ़ते खर्च के साथ जान पर आए जोखिम को इस पलायन की सबसे बड़ी वजह बताते हुए परिहार कहते हैं कि जिसको जो साधन मिल रहा है, उसी से वह जाने को मजबूर है।
उल्लेखनीय है कि मार्च के मध्य से ही मुंबई में लॉकडाउन के हालात हैं। बाजार बंद हैं और रोजगार ठप। मुंबई में कोरोना से मौतों का आंकड़ा 1200 और संक्रमित मरीजों की संख्या 35 हजार के आसपास पहुंच गई है। स्वास्थ्य सेवाएं ध्वस्त हो रही हैं और चिकित्सा व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। अस्पतालों के अहातों में शव पड़े हैं और आईसीयू बेड भी आसानी से उपलब्ध नहीं है। प्रवासी राजस्थानी समाज के बीच सक्रिय निरंजन परिहार बताते हैं कि इसी डर से ज्यादातर लोग यहां से निकल गए हैं और जो बचे हैं वे हर हाल में यहां से जाने में ही भलाई मान रहे हैं। परिहार बताते हैं कि राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण पर कंट्रोल की खबरों ने प्रवासियों के मन में यह विश्वास पैदा किया है कि मुंबई के मुकाबले गांव ज्यादा सुरक्षित है। फिर, वैसे भी मुंबई में व्यापारिक गतिविधियां फिर से ठीक होने में कम से कम एक महीना और लगेगा।
मुंबई से राजस्थान के लिए ट्रेनों, बसों व निजी वाहनों के जरिए हर रोज बड़ी संख्या में लोगों का पलायन जारी है। मेवाड़ के पांच जिलों, उदयपुर, राजसमंद, डूंगरपुर, बांसवाड़ा और चित्तौड़गढ़ तथा मारवाड़ में बाड़मेर व जालोर के लिए के लोग बसों से जा रहे हैं। परिहार बताते हैं कि देश भर से अब तक कुल 6 लाख 56 हजार से अधिक प्रवासी राजस्थान पहुंच चुके हैं, जिनमें से 3 लाख से ज्यादा प्रवासी मुंबई से गए हैं। एक जानकारी के मुताबिक मुंबई से 24 हजार से ज्यादा निजी वाहनों, 1785 बसों एवं 7 स्पेशल ट्रेनों के जरिए अब तक लोग राजस्थान गए हैं। परिहार के मुताबिक प्रवासियों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के प्रति काफी सम्मान है एवं ज्यादातर लोगों का मानना है कि वे काफी संवेदनशील तरीके से हर मामले को संभाल रहे हैं। इसी कारण राजस्थान में कोरोना नियंत्रण में है और मुंबई के मुकाबले वहां खतरा कम माना जा रहा है। ज्यादातर लोग इसीलिए गांव जा रहे हैं।