मुंबई:भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) विदेशी बैंकों और अन्य कंपनियों से पैसे जुटाने की योजना बना रहा है। इसके लिए उसने एलआईसी के पूर्व ईडी और बीमा नियामक इरडाई के पूर्व लाइफ मेंबर निलेश साठे को फाइनेंस एडवाइजर्स नियुक्त किया है। निलेश साठे लंबे समय तक एलआईसी से जुड़े रहे।
एलआईसी, म्यूचुअल फंड और इरडाई में रहे हैं साठे
निलेश साठे एलआईसी में ईडी के रूप में कार्यरत थे। फिर एलआईसी म्युचुअल फंड के वो एमडी एवं सीईओ रहे। इसके बाद वे बीमा नियामक आईआरडीएआई (इरडाई) के लाइफ मेंबर नियुक्त हुए। हाल ही में वे वहां से रिटायर हुए हैं। निलेश साठे को इंश्योरेंस इंडस्ट्री का अच्छा अनुभव है। हालांकि निलेश साठे ने अभी लॉकडाउन की वजह से ज्वाइन नहीं किया है। केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले दिनों इस नियुक्ति की घोषणा की।
विदेशी बैंकों, पेंशन फंड, इंश्योरेंस फंड से जुटाएंगे पैसे
नितिन गडकरी ने एक एक मीडिया हाउस को बताया कि निलेश साठे की नियुक्ति मुख्य रूप से विदेश से इंश्योरेंस फंड लाने के लिए की गई है। गडकरी ने कहा कि हमारी योजना विदेशी बैंकों, विदेशी इंश्योरेंस फंड, विदेशी पेंशन फंड आदि से पैसे जुटाने की है। इसके लिए यह नियुक्ति की गई है। गडकरी ने कहा कि अगले दो सालों में 15 लाख करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट को अवॉर्ड करने की योजना है। हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
टोल कलेक्शन में 17 प्रतिशत तक गिरावट की आशंका
क्रिसिल रिसर्च ने हाल में कहा था कि भारतीय हाईवे पर यातायात इस वित्त वर्ष में 16.5 प्रतिशत घट सकता है, जो टोल कलेक्शन में 13 प्रतिशत की कटौती करेगा। 17 मई तक के लॉकडाउन तक ही टोल कलेक्शन 13 प्रतिशत तक गिर जाने की आशंका जताई गई थी। जबकि मई अंत तक इसमें 17 प्रतिशत गिरावट की आशंका जताई गई है। एनएचएआई के चेयरमैन एस.एस संधू ने हाल में कहा था कि हमारा एसेट मोनेटाइजेशन प्रोग्राम बाजार पर निर्भर करेगा।
ट्रैफिक की अनिश्चितता के कारण टीओटी टेंडर टला
उन्होंंने कहा कि आज के जैसे ट्रैफिक की अनिश्चितता के कारण, अगले दो महीने में कोई टीओटी टेंडर नहीं आएगा। उम्मीद है कि दो महीने बाद हम ऐसा करने में सक्षम होगें। 2020-21 के बजट में, एनएचएआई को 2024 से पहले 6,000 किमी के कम से कम 12 हाईवे से कमाई करने के लिए अधिकृत किया गया था। यह एक ऐसी प्रक्रिया थी जिससे प्राधिकरण को 15,000 करोड़ रुपए के वार्षिक औसत पर 60,000 करोड़ रुपए तक जुटाने में मदद कर सकती थी।
2018-19 में टोल के रूप में कुल 24,396 करोड़ रुपए वसूले गए थे, जो 2,033 करोड़ रुपए का मासिक औसत था। अक्टूबर के अंत में 2019 तक देश भर के नेशनल हाइवेज पर 570 ऑपरेशनल फी प्लाजा थे।