मुंबई। राजस्थान में धोइंदा तथा मुंबई कांदिवली से कच्छारा परिवार की अनिता भगवतीलाल जी के सुपुत्र हर्षल एवं समधी पक्ष से सुनीता स्व. महावीर जी कावड़िया की सुपुत्री किंजल (आसिंद) बारडोली का विवाह एक दम सादगीपूर्ण तरीके से संपन्न कर लाखों-करोड़ों खर्च करने वालों के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया। इस समारोह में पंड़ित सहित केवल 10 दस सदस्यों की सहभागिता रही। लॉकडाउन के चलते इस समारोह में ना तो बैंड बाजे और ना ही कोई बड़ा टेंट लगवाया गया। दूल्हा-दुल्हन की ओर से उनके पारीवारिक जन व पंडित जी ने ही गृह-आंगण में विवाह की रस्म पूरी की, जैन समाज के समाजसेवी एवं तेरापंथी सभा शिशोदा के अध्यक्ष श्री शान्तिलाल जी धाकड ने बताया कि उनके दौहिते हर्षल भगवती लालजी कच्छारा की शादी करीबन कुछ महीने पूर्व तय हो चुकी थी लेकिन वर्तमान में कोरोना वायरस को लेकर पूरा देश संतप्त है।
प्रशासन द्वारा किए गए लॉक डाउन को मद्देनजर रखकर दोनों परिवारों ने निर्णय लिया कि वर्तमान में इस समय के साथ चलते हुए सरकारी आदेश का पूरा पालन करते हुए हमें शादी बिना आडंबर व दिखावा के सादगी पूर्ण तरीके से करनी है इसी भावना को ध्यान में रखकर प्रशासन से अनुमति लेकर उनके सारे आदेशों का पालन करते हुए मास्क लगाकर फिजिकल डिस्टेंस इत्यादि का उपयोग करते हुए दोनो पक्ष से मात्र 10 व्यक्तियों के साथ वर-वधू व पंडित जी की उपस्थिति में 24 मई को विवाह संपन्न हुआ।
इस प्रकार कच्छारा परिवार से श्रीमती अनिता भगवतीलालजी कच्छारा ने अपने पुत्र हर्षल (धोईंदा) कांदीवली-मुंबई का विवाह समधी प्रवर आसिन्द (बारडोली) निवासी सुनिताजी स्व.महावीरजी कावडीया की सुपुत्री किंजल के साथ संपन्न करवा कर एक नया कदम उठाया है ,जो निश्चित रूप से पूरे जैन समाज के लिए गौरवमयी एवं प्रेरणा का विषय है। लड़के के ननिहाल (मामा) परिवार शिशोदा (श्रीनाथजी) के श्रीमती कमलाबाई शान्तिलालजी धाकड एवं परिवार के इस सादगी पूर्ण विवाह से पुरे समाज को एक नई पहल की ओर अग्रसर किया है। विवाह के बाद वीडियो कॉलिंग के द्वारा दोनों पक्ष के संबंधी जनों ने वर-वधू को आशीर्वाद प्रदान किए एवं नवदंपति के उज्ज्वल भविष्य की शुभकामना प्रेषित की।
लॉकडाउन में संदगीपूर्ण समारोह में संपन्न हुई कच्छारा एवं कावड़िया परिवार की शादी, 10 सदस्यों की सहभागिता
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