राजकुमार गौतम/बस्ती। जिले के वाल्टरगंज थानांतर्गत दलित युवती ने बलात्कार के बाद आत्महत्या कर लिया लेकिन सूत्रों से पता चला है कि गणेशपुर चौकी की पुलिस तीन दिन तक मामले को दर्ज कर आरोपियों पर कार्रवाई करने की बजाए पीड़िता के गरीब पिता पर दबाव डालकर जबरन 10 हजार में समझौता करवाकर आरोपियों को बचाने की कोशिश में लगी रही। मामला जब मीडिया में आया तो तीसरे दिन यानि 20 मई को मामला दर्ज कर आनन फानन में जांच में जुटी, जबकि आरोपी मौका पाकर फरार हो गए।
जानकारी के अनुसार, 17 मई को वाल्टरगंज थाना क्षेत्र में आने वाले मंझरिया गांव की अनुसूचित जाति की किशोरी के साथ गांव के ही पास गौरा गांव के एक आरोपी एवं उसके बुआ के लड़के ने कथित रूप से गैंगरेप और मारपीट की, जिसके बाद पीड़िता अट्ठारह वर्षीय अनीषा (बदला हुआ नाम) ने 18 मई को छत की कुंडी से लटककर आत्महत्या कर ली। यह घटना उस समय हुई जब अनीषा के पिता बलूघटा पर खेत सींचने गए थे। उसी समय उनके बड़े बेटे की मोटरसाइकिल से गड्ढे में गिर जाने की वजह से पैर में फ्रैक्चर हो गया। शाम 5:00 बजे इसकी सूचना देने के लिए अनीषा खेत में गई, जिसके बाद उसके पिता ने तुरंत खेत से हॉस्पिटल के लिए चल दिए और अनीषा को खेत से सिंचाई का पाइप इकट्ठा करके घर जाने के लिए कह दिया। अनीषा पाइप इकट्ठा करके घर की तरफ जा रही थी कि रास्ते में विजय यादव पुत्र सुखराम यादव गांव गौरा व उसके बुआ का लड़का सचिन यादव ने पीड़िता को मोटरसाइकिल से टक्कर मारा तथा बदतमीजी करने लगे। आरोप है कि दोनों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। जिसके बाद किसी तरीके से पीड़िता लहूलुहान घर पर वापस आई व आप-बीती घरवालों को बताई। जिसके उसकी मां व चाची पीड़िता को लेकर गणेशपुर पुलिस चौकी पर गई, जहां पीड़िता की मां सदमे में आ कर बेहोश हो गई।
जानकारी मिली है कि गनेशपुर चौकी प्रभारी ने लड़की व उसकी मां और चाची को घर जाने को कह दिया तथा उसके बाद पीड़िता के पिता को चौकी पर बुलाकर सुलह समझौते की बात की गई। 17 मई की घटना के बाद से अनीषा गुमसुम रहने लगी थी। अनीषा की मां के अनुसार वह किसी भी कीमत पर आरोपियों पर कार्यवाही चाहती थी। जबकि 17 मई को रात में लगभग 9:00 बजे चौकी पर दोनों पक्षों को बुलाया गया एवं लड़की के पिता पर जबरन सुलह का दबाव बनाया गया। जिससे पीड़िता को आघात लगा और उसने आत्महत्या करने जैसा कदम उठा लिया। मृतक अनीषा के पिता ने बताया कि मैं हॉस्पिटल से पुलिस चौकी में पहुंचा तो लड़की वहां नही थी। मुझसे सुलहनामे पर जबरन साइन करवा लिया गया तथा 10 हजार रुपये दिया गया और कहा गया कि लड़की की दवा करवा लेना। मृतका के पिता के अनुसार सुलह के बाद जब वो घर पहुंचे तब मनीषा के साथ हुई बर्बरता के बारे में उन्हें पता चला और 18 मई को पीड़िता ने आत्महत्या कर ली। टालमटोल करने की मंशा जब कामयाब ना दिखी तब पुलिस ने 20 मई को 323, 504, 306 आईपीसी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया। खबर लिखे जाने तक मृतक की मेडिकल रिपोर्ट उपलब्ध नहीं हुई तथा दोनों आरोपी फरार थे।
बलात्कार के बाद पीड़िता ने की आत्महत्या, पुलिस पर जबरन समझौता करवाने का आरोप
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