नई दिल्ली:कोरोना वायरस की जांच के लिए रैपिड टेस्टिंग किट की कीमतों को लेकर विवाद बढ़ता दिख रहा है। रैपिड टेस्टिंग किट की कीमत अलग-अलग प्रदेशों में अलग-अलग बताई जा रही है। आंध्र प्रदेश ने कोरोन के लिए रैपिड टेस्ट किटों में से प्रत्येक पर 730 रुपये खर्च किए, जबकि पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ ने प्रत्येक किट को 337 रुपये में खरीदा। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री का इस किट की दर पर वीडियो संदेश आने के बाद दाम में इस अंतर पर बहस शुरू हो गई थी।
मिरर की खबर के अनुसार उसके द्वारा एक्सेस किए गए दस्तावेजों से पता चला है कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने एक निजी कंपनी से दो लाख किट के लिए ऑर्डर दिया था। आदेश के अनुसार, 14.6 करोड़ रुपये के ऑर्डर मूल्य का 25 प्रतिशत भुगतान एडवांस में होना था और शेष राशि का भुगतान डिलीवरी पर किया जाना था। एक लाख किटों की पहली खेप 17 अप्रैल को विजयवाड़ा पहुंची।
दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ सरकार ने कहा है कि वह दक्षिण कोरिया से 337 रुपये/किट (जीएसटी अलग से) की दर से टेस्टिंग किट मंगा रही है। अब आंध्र प्रदेश सरकार ने टेस्टिंग किट की अलग-अलग कीमतों के मामले को ‘बदनाम करने का एक अभियान’ बताया है। आंध्र प्रदेश सरकार ने कहा है कि अभी इस फर्क को लेकर फाइनल हिसाब लगाया जा रहा है। इस प्रकार की भ्रामक सूचनाएं फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। रैपिड किट्स की कीमतों को लेकर हम छत्तीसगढ़, केरल, कर्नाटक जैसे राज्यों के संपर्क में हैं। इस बारे में आगे भी जानकारी दी जाएगी।