राजकुमार गौतम/यूपी ब्यूरो
गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के दर्शनशास्त्र विभाग के दलित शोध छात्र दीपक कुमार ने कल दोपहर जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की उन्हें बीआरडी मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
जहर खाने के पहले दीपक कुमार ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपलोड कर और पत्र लिखकर आरोप लगा कर विभाग के दो प्रोफेसर (विभागाध्यक्ष प्रोफेसर द्वारिका नाथ श्रीवास्तव और कला संकाय डीन प्रोफेसर चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव) दलित होने के कारण उसका उत्पीड़न कर रहे थे। उन्हें बार-बार गालियां भी दी जाती थी और धमकी भी जाती थी कि उसे शोध कार्य पूरा करने नहीं दिया जाएगा। इसकी शिकायत उसने कुलपति से भी की लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, उत्पीड़न और धमकी से त्रस्त होकर उसने जहर खाकर जान देने की कोशिश की।
कुलपति प्रोफेसर वीके सिंह ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए प्रतिकुलपति प्रोफेसर एसके दीक्षित के संयोजकत्व में घटना की जांच के लिए कमेटी गठित की है। कमेटी में दो अन्य सदस्य प्रोफेसर चंद्रशेखर और प्रोफेसर प्रदीप कुमार यादव सदस्य हैं जांच पूरी होने तक दर्शनशास्त्र विभाग के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर द्वारकानाथ श्रीवास्तव को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है।
बताते चलें की दीपक कुमार चौरी चौरा क्षेत्र के ग्राम राजोपट्टी पगड़ी पोस्ट नवाबारी बलिया के रहने वाले हैं। उन्होने दर्शन विभाग में नेट परीक्षा में सफल होने के बाद दर्शनशास्त्र विभाग में शोध छात्र के रूप में पंजीकृत हुए, दीपक कुमार ने जहर खाने के पहले लिखे पत्र और वीडियो में आरोप लगाया है कि 3 महीने से उसे दोनों प्रोफेसर जातिसूचक गालियां देते थे और बार-बार यह कहते थे कि तुम आरक्षण से आते हो,जब दोनों प्रोफेसरों की प्रताड़ना से तंग आ गया तो इसकी शिकायत कुलपति से की. इसके बाद दोनों प्रोफेसर मुझे गुंडे से धमकी दिलवाने लगे इस प्रताड़ना से तंग आकर मैं आत्महत्या कर रहा हूं जिसके लिए प्रोफेसर द्वारकानाथ श्रीवास्तव और कला संकाय डीन प्रोफेसर चंद्र प्रकाश श्रीवास्तव जिम्मेदार हैं इन दोनों ने ऐसी स्थिति उत्पन्न कर दी जिससे उसे आत्महत्या करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं दिख रहा.
दीपक कुमार को 18 सितंबर की शाम 6:00 बजे दो बाइक सवार 6 लोगों ने छात्र संघ चौराहे पर घेर कर जान से मारने की धमकी दी थी. इस संबंध में उसने कुलपति, कुलसचिव और प्रॉक्टर को घटना की लिखित जानकारी भी दी थी। उसने इस पत्र में कहा था कि धमकी देने वाले लोगों ने कहा कि प्रोफेसर द्वारकानाथ और प्रोफेसर सीपी श्रीवास्तव के खिलाफ कुलपति को जो शिकायत की है उसमें आगे कोई कार्यवाही ना करें नहीं तो अंजाम ठीक नहीं होगा।
मिली जानकारी के अनुसार दीपक कुमार गोरखपुर शहर में किराए के मकान में रहता था।उसके द्वारा जहर खाने की जानकारी होने पर उसके साथी जिला अस्पताल ले गए जहां से उसे बीआरडी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज में उसे मेडिसिन विभाग के वार्ड 14 में भर्ती किया गया है।
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रोफेसर हर्ष कुमार सिंह ने रात में विज्ञप्ति जारी कर कहा कि यह घटना दुखद और दुर्भाग्यपूर्ण है छात्र के शिकायती पत्र पर कुलपति द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित व्यक्तियों से लिखित आख्या मांगी गई थी इस बीच विश्वविद्यालय में अपरिहार्य कारणों से अवकाश रहा और यह पक्ष विश्वविद्यालय खोलने पर ही प्राप्त हुए नियंता द्वारा भी उसके प्रार्थना पत्र को पुलिस और को अग्र साबित कर दिया गया था जनसंपर्क अधिकारी ने कहा कि कुलपति ने इस प्रकरण पर तत्काल एक जांच समिति गठित कर दी है कुलपति प्रोफेसर एके दीक्षित के संयोजक वाली इस समिति में प्रोफेसर चंद्रशेखर तथा प्रोफेसर प्रदीप कुमार यादव सदस्य नामित किए गए हैं जांच रिपोर्ट के आधार पर दोषी के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जांच पूरी होने तक प्रोफेसर द्वारिकानाथ को विभागाध्यक्ष पद के दायित्व से विरक्त किया जाता है।
जातिगत उत्पीड़न से त्रस्त डीडीयू के शोधछात्र ने आत्महत्या की कोशिश की
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