नई दिल्ली।मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन शोषण मामले में केन्द्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने अपनी स्टेटस रिपोर्ट में यह बताया है उसके आसपास रहनेवाले लोग वहां पर हो रही इस घटना से भलीभांति वाकिफ थे। लेकिन, एनजीओ चलाने वाले ब्रजेश ठाकुर के आंतक के चलते कोई अपना मुंह नहीं खोलना चाहता था।
जस्टिस एमबी लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने इस मामले में सीबीआई की रिपोर्ट को पढ़ा और इस खुलासे पर ध्यान दिया। इसे अपने आदेश में रिकॉर्ड करते हुए पीठ ने सीबीआई को यह आदेश दिया कि वह ब्रजेश ठाकुर के प्रभाव, उसके संबंधों को खंगालें।
पड़ोसी सुनते थे बालिका गृह से लड़कियों की चीख
आदेश में कहा गया- “ऐसा लगता है कि एनजीओ सेवा संकल्प एवम् विकास समिति के इंचार्ज ब्रजेश ठाकुर काफी प्रभावशाली व्यक्ति है और पड़ोसी उसके खौफ के चलते उसके खिलाफ शिकायत की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे। हालांकि, लोगों ने लड़कियों की चीखने की आवाज सुनी लेकिन वे ब्रजेश ठाकुर के आंतकि के चलते किसी को ये बात नहीं बताना चाहते थे।”
अदालत ने कहा- मंजू वर्मा और उसके पति से करें पूछताछ
सीबीआई की तरफ से यह कहने पर कि बिहार की पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा और उनके पति चन्द्रशेखर वर्मा के पास से काफी तादाद में हथियार और बारुद बरामद किया गया है, अदालत ने बिहार पुलिस को यह आदेश देते हुए कहा कि कि वे दोनों से पूछताछ करें।
मंजू वर्मा को उस खुलासे के बाद इस्तीफा देना पड़ा था जब ये बात सामने आई थी कि उनके पति ने जनवरी से लेकर जून के बीच में ब्रजेश ठाकुर से 17 बार फोन पर बात की थी।
मुजफ्फरपुर कांड: पड़ोसी ब्रजेश ठाकुर के खौफ से कर रखा था मुंह बंद
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