नई दिल्ली।राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के तीन दिवसीय अधिवेशन के अंतिम दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने गौ रक्षा पर कहा कि कानून को अपने हाथों में लेना अपराध है। उन्होंने कहा कि गौ रक्षा केवल कानून से नहीं होती है। गौरक्षा करने वाले देश के नागरिक गाय को पहले रखें। गाय को रखें नहीं और खुला छोड़ देंगे तो उपद्रव होगा, तो गौरक्षा के बारे में आस्था पर प्रश्न लगता है। मोहन भागवत ने कहा कि भारत में रहने वाले सभी लोग हिंदू ही हैं, पहचान की दृष्टि से, राष्ट्रीयता की दृष्टि से।
भाषा के अनुसार, मोहन भागवत ने हिंदुत्व के बारे में कहा कि इसके खिलाफ कोई भी आक्रोश नहीं है। वहीं, पूरे विश्व भर में हिंदुत्व की स्वीकार्यता बढ़ रही है। उन्होंने कहा, ‘हमें एक ऐसा माहौल बनाना होगा जहां महिलाएं सुरक्षित और संरक्षित महसूस करें।’
संघ प्रमुख ने आगे कहा कि आपको अंग्रेजी समेत किसी भी भाषा का विरोध नहीं करना चाहिए। अंग्रेजी से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, हमें इस भाषा में धाराप्रवाह बोलने वाले लोग चाहिए।
अधिवेशन के तीसरे दिन मोहन भागवत ने कहा कि हमें एक ऐसी शिक्षा नीति की जरूरत है जो आधुनिक शिक्षा एवं हमारी परंपराओं का मिलाजुला रूप हो। संस्थान डिग्रियां तो दे रहे हैं लेकिन अनुसंधान कार्य घट रहा है। वहीं, आरएसएस के स्वयंसेवकों में अंतरजातीय विवाह बेहद आम बात है।
मोहन भागवत बोले- गौ रक्षा के नाम पर कानून हाथ में ना लें
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