मुंबई: कोरोनावायरस फैलने का असर आज शेयर बाजार पर साफ दिखा। तेज गिरावट के साथ खुले बाजार में शुरुआती आधे घंटे के अंदर ही लोअर सर्किट लगाना पड़ा। हालांकि, 45 मिनट बाद बाजार में ट्रेडिंग फिर से शुरू हुई तो गिरावट और बढ़ गई। सेंसेक्स 3934.72 अंक गिरकर 25,981.24 पर और निफ्टी 1,110.85 पॉइंट नीचे 7,634.60 पर बंद हुआ। बाजार में 13 मार्च के बाद दूसरी बार लोअर सर्किट लगने की वजह से ट्रेडिंग 45 मिनट रुकी, लेकिन सोमवार को रिकवरी नहीं हो पाई।
बाजार में गिरावट की 3 वजह
1. कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने की वजह से देश के कई राज्यों में 31 मार्च तक लॉकडाउन कर दिया गया है।
2. विदेशी निवेशक भारतीय बाजार से लगातार पैसा निकाल रहे हैं। करीब दो हफ्ते में वे 50,000 करोड़ रुपए के शेयर बेच चुके हैं।
3. कोरोनावायरस का संक्रमण फैलने के डर से दुनियाभर के बाजारों में गिरावट आ रही है। हॉन्गकॉन्ग के बाजार में 5% गिरावट देखी गई।
लोअर सर्किट यानी, बाजार का बेहद बुरा वक्त
जुलाई 2001 की सेबी की गाइडलाइन के बाद सर्किट की शुरुआत हुई थी। भारतीय शेयर बाजार में अचानक आए बड़े उतार-चढ़ाव को थामने करने के लिए सर्किट लगाया जाता है। ये दो तरह के होते हैं। अपर सर्किट और लोअर सर्किट। अपर सर्किट तब लगाया जाता है, जब बाजार एक तय सीमा से ज्यादा बढ़ जाता है। और जब उसी सीमा से ज्यादा घटता है तो लोअर सर्किट का इस्तेमाल किया जाता है। सेबी ने सर्किट के लिए तीन ट्रिगर लिमिट 10%, 15% और 20% तय की हैं। यानी उस वक्त बाजार जितने पर है, उसका 10%, 15% और 20% घटने-बढ़ने पर सर्किट लगता है। शुक्रवार को बाजार में तेज गिरावट के बाद सेंसेक्स में लोअर सर्किट लगाया था।
- जब दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार 10% तक गिर या चढ़ जाए तो ट्रेडिंग 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर 1 बजे के बाद 10% उतार-चढ़ाव होता है तो कारोबार को केवल 15 मिनट के लिए रोका जाता है।
- अगर दोपहर 1 बजे से पहले शेयर बाजार में 15% उतार-चढ़ाव आए तो ट्रेडिंग 1 घंटे 45 मिनट के लिए रोक दी जाती है।
- अगर ट्रेडिंग के दौरान किसी भी वक्त शेयर बाजार में 20% का उतार-चढ़ाव आता है तो बचे हुए दिन के लिए ट्रेडिंग बंद कर दी जाती है।