कोरोना वायरस से दुनियाभर में फैली दहशत के बीच यह जानकारी हैरत करने वाली है कि भारत में हर साल एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत स्वाइन फ्लू से हो जाती है। बड़ी संख्या में लोग हर साल इस बीमारी की चपेट में आते हैं और ज्यादातर इलाज के बाद ठीक भी हो जाते हैं। इस साल एक मार्च तक देश में स्वाइन फ्लू से 28 लोगों की जान जा चुकी है।
इस साल पहली मार्च तक ही 28 की हो चुकी है मौत
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 में स्वाइन फ्लू का प्रकोप था। इसके कारण उस साल 2,270 लोगों की मौत हो गई। वर्ष 2018 में इस बीमारी की चपेट में आने से 1,128 व वर्ष 2019 में 1,218 लोगों को जान गंवानी पड़ी। इसके अलावा हर साल बड़ी संख्या में लोग स्वाइन फ्लू से पीड़ित पाए जाते हैं। वर्ष 2017 में स्वाइन फ्लू पीड़ितों की संख्या 38,811 थी, जो वर्ष 2018 में घटकर 15,226 हो गई। वर्ष 2019 में स्वाई फ्लू पीड़ितों की संख्या में फिर इजाफा हुआ और वह 28,798 पर पहुंच गई। इस साल एक मार्च तक 1,469 लोग स्वाइन फ्लू पीड़ित पाए गए।
साल में दो बार होता है प्रकोप
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) कोरोना की तरह स्वाइन फ्लू को भी वैश्विक महामारी घोषित कर चुका है, जबकि भारत भी इसे महामारी बता चुका है। स्वाइन फ्लू को एच1एन1 या सीजनल एंफ्लूएंजा के नाम से भी जाना जाता है। साल में दो बार-जनवरी से मार्च व जुलाई से सितंबर तक इस बीमारी का प्रकोप ज्यादा होता है।
नाक व चेहरे को ढंकें
स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ दी गई सलाह के अनुसार, ‘स्वाइन फ्लू से बचने के लिए नाक और चेहरे को टिश्यू या रूमाल से ढंकना चाहिए और साबुन व पानी से बार-बार हाथ धोना चाहिए। आंख, नाक व मुंह को छूने से बचना चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों से दूर रहना चाहिए और अच्छी नींद लेनी चाहिए।’