कोरोना वायरस से बचने हेतु प्रेक्षाध्यान योग के प्राणायाम प्रयोग भी बताए
मुंबई। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रेक्षाध्यान योग साधना केंद्र अशोक नगर कांदिवली मुंबई द्वारा महिलाओं का विशाल सम्मान एवं अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ प्रेक्षाध्यान प्रशिक्षक पारसमल दुग्गड़ ने कोरोना वायरस से बचने हेतु प्रेक्षाध्यान योग के प्राणायाम प्रयोग भी बताए। जिसे लोगों ने बड़े ध्यान से सुना।
सर्वप्रथम प्रेक्षाध्यान केंद्र की प्रशिक्षकों द्वारा आत्म साक्षात्कार प्रेक्षाध्यान के द्वारा इस स्वर लहरियों के साथ कार्यक्रम का आगाज किया। इसके बाद महिलाओं ने महिला दिवस के उपलक्ष्य सुंदर नाटिका की प्रस्तुति की। केंद्र की संचालिका एवं सह निर्देशिका श्रीमती विमला जी दूगड़ ने सभी का स्वागत व अभिनंदन करते हुए महिला दिवस के महत्व के बारे में समझाया। विमलाजी ने सम्मानित होने वाली सभी महिलाओं के नाम का उल्लेख किया बाद में वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक पारसमल जी दूगड़ ने सभी महिलाओं के कृतृ व्यक्तित्व का उल्लेख करते हुए सभी का परिचय दिया। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण थी प्रोफेसर डॉ श्रीमती ललिता जी जोगड जिसको अब तक साहित्य के क्षेत्र एवं विभिन्न क्षेत्रों में 114 वर्ल्ड रिकॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है एव 400 के लगभग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। आप 44 संस्थाओं से जुड़ी हुई है ऐसी महिला का प्रेक्षा ध्यान योग साधना केंद्र के द्वारा अभिनंदन पत्र शाल्यार्पण, माल्यार्पण ,श्रीफल और ऊपरना देकर सम्मानित किय गया कार्यक्रम का दूसरा आकर्षण थी।
वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षिका श्रीमती विमला जी दुगड जिनको अभी-अभी जैन श्वेतांबर तेरापंथी महिला मंडल मुम्बई द्वारा प्रेरणा पुरस्कार से महिला दिवस के ऊपर सम्मानित किया गया उनका भी अभिनन्दन किया इसके अलावा आज के इस शुभ अवसर पर श्रीमती भारती बकुल आचार्य ,श्रीमती रीटाजी सरावगी ,श्रीमती इलाबेन ,श्रीमती शीला बेनऔर श्रीमती कविता बहन को भी प्रेक्षाध्यान केंद्र के द्वारा अभिनंदन पत्र, माल्यार्पण,शाल्यार्पण, श्री फल और ऊपरना देकर सम्मानित किया गया। सम्मानित सभी महिलाओं ने अपने श्रद्धा सिक्त उद्द्गार व्यक्त किए।
कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए महेंद्र भाई , दिनेश भाई उपेन भाई, उषा बेन, हर्षद भाई, रूपल बेन, भागवत जोशी, योगिनी जोशी, विमला पटेल, परेश भाई, ज्योतिका , शांताबेन कर्नल देवेंद्र मोहन भाई ,अश्विन भाई खान साहब, रुपल शाह, भावीला, जोशना , कुंदा वेन, भारतीबेन, इंदिराबेन,भावना शकुन बेन कांता बैंक किरण बहन सतीश जी ,प्रीति बहन ,रंजन बेन, देवेंद्र पामेचा, सामंत जी, आदि अनेक कार्यकर्ताओं ने अथक श्रम किया और कार्यक्रम की सफलता में बड़ा योगदान दिया कार्यक्रम का संचालन प्रेरणा पुरस्कार से सम्मानित श्रीमती विमला जी दूगड़ ने बड़ी कुशलता पूर्वक किया आज के कार्यक्रम में बहुत अच्छी उपस्थिति र ही अनुव्रत सेवी प्रोफेसर डॉ श्रीमती ललिता जी जोगड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा। महिलाएं पूजनीय वंदनीय थी है और रहेगी एक महिला कितनी कार्यशील कितनी भूमिका अदा करती है हम अपनी दिनचर्या में कितना समय निकालती है धार्मिक सामाजिक एवं आध्यात्मिक कार्य से जुड़ी हुई रहती है। महिलाओं के लिए कुछ विशेष बात कहना चाहूंगी फौलादी है सीने अपने फौलादी है बाहें हम चाहे तो पैदा कर दे चट्टानों पर रहे। केंद्र के संचालक एवं निर्देशक वरिष्ठ प्रेक्षा प्रशिक्षक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर पारसमल जी दूगड़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कई फूल चाहिए एक माला बनाने के लिए, कई दीपक चाहिए एक आरती सजाने के लिए, कई बूंद चाहिए कलश भरने के लिए, पर एक स्त्री अकेली काफी है घर को स्वर्ग बनाने के लिए।