नई दिल्ली:वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार (26 फरवरी) को कहा कि सरकार घरेलू अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभावों को लेकर सजग है और इस पर करीबी नजर रखे हुए है। उन्होंने यह भी कहा कि विभिन्न स्तरों पर विभिन्न विकल्पों पर विचार जारी है जिसमें कुछ विशेष क्षेत्रों के लिये वैकल्पिक स्रोतों से कच्चा माल हवाई जहाज के जरिए मंगवाने की व्यवस्था शामिल है।
मंत्री ने यह भी कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के प्रस्तावित विलय की प्रक्रिया निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मिलाकर चार बड़े बैंक बनाने का निर्णय किया है। सीतारमण ने कहा कि सरकार अर्थव्यवस्था पर कोरोना वायरस के प्रभावों पर करीबी नजर रखे हुए है। उन्होंने कहा, ”हम इस पर कड़ी नजर रख रहे हैं। सचिव स्तर के अधिकारी संबंधित उद्योगों के साथ मिलकर काम कर रहे है…कई विकल्पों पर विचार जारी है। इसमें कुछ विशेष क्षेत्रों के लिए कच्चा माल हवाई जहाज के जरिए, अन्य देशों से मंगाना शामिल है।”
वित्त मंत्री ने कहा, ”इन सभी पर संबंधित विभाग के स्तर पर काम जारी है। हम जल्दी ही सभी विभागों की समीक्षा करेंगे और जरूरत के अनुसार मदद को लेकर कदम उठाएंगे। हम सभी जानकारी जुटाएंगे और आपके पास आएंगे।” दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन में कोरोना वायरस बीमारी से 2,700 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और कम से कम 80,000 लोग इससे संक्रमित हुए हैं। इस वायरस के फैलने के कारण भारतीय विमानन कंपनियों समेत कई एयरलाइंस ने चीन के लिए अपनी कुछ उड़ानें रद्द की हैं।
बैंकों के विलय के बारे में वित्त मंत्री ने कहा कि इसको लेकर कोई अनिश्चितता नहीं है और प्रक्रियाएं निर्धारित समयसीमा के अनुसार आगे बढ़ रही हैं। सरकार ने पिछले साल अगस्त में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का चार बैंकों में विलय करने का निर्णय किया था। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटंल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में होगा। इस विलय के बाद पीएनबी इस साल एक अप्रैल से दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक तथा इलाहबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय होगा। इसी प्रकार, आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय होगा।