नई दिल्ली:इसमें कोई संदेह नहीं है कि बांग्लादेश के मुश्फिकुर रहीम मैदान पर एक शानदार क्रिकेटर हैं। इस पूर्व बांग्लादेशी क्रिकेट के पास साहस, तकनीक, धैर्य और लंबी पारियां खेलने की क्षमता है। वह उस समय भी जिम्मेदारी उठाते हैं, जब दबाव में सीनियर खिलाड़ी ऐसा नहीं कर पाते। अपनी इस दोहरी शतकीय पारी के दौरान वह कभी थके हुए नहीं लगे। कभी ऐसा नहीं लगा कि वह आउट हो जाएंगे, लेकिन एक मौका जरूर आया जब रहीम ने गेंद को अपनी ही स्टंप्स पर खेल दिया। इसके बहुत ही फुर्ती के साथ उन्होंने बॉल को स्टम्प्स पर लगने से भी बचाया।
मुश्फिकुर रहीम बांग्लादेश टेस्ट क्रिकेट में प्रमुख रन बनाने वाले खिलाड़ी बन गए हैं। जिम्बाब्वे के खिलाफ उन्होंने शेर-ए-बांग्ला स्टेडियम में रहीम ने नाबाद 203 रन की पारी खेली। 318 गेंदों की इस पारी में उन्होंने 28 चौके लगाये।
मुश्फिकुर रहीम ने गेंद को स्टम्प्स तक नहीं जाने दिया। रहीम का यह तीसरा दोहरा शतक था। रहीम ने मैच के बाद कहा, ”यह दोहरा शतक आसान विकेट पर बना। जिम्बाब्वे के गेंदबाजी आक्रमण में भी कोई धार नहीं थी। इस पिच पर रिवर्स स्विंग और स्पिन के लिए भी कोई संभावना नहीं थी। मुझे लगता है यह आसान पारी थी।”
ऑफ स्पिनर नईम हसन (42 रन पर पांच विकेट) और लेफ्ट आर्म स्पिनर तैजुल इस्लाम (78 रन पर चार विकेट) की शानदार गेंदबाजी से मेजबान बांग्लादेश ने जिम्बाब्वे को एकमात्र टेस्ट के चौथे दिन मंगलवार को पारी और 106 रनों से मात दी। जिम्बाब्वे ने पहली पारी में 262 रन बनाए थे, जबकि बांग्लादेश के अपनी पहली पारी छह विकेट पर 560 रन पर घोषित की थी।
जिम्बाब्वे ने चौथे दिन चार विकेट पर 44 रन से आगे खेलना शुरु किया और उसकी दूसरी पारी 189 रन पर सिमट गई। कप्तान क्रेग इर्विन ने 43, सिकंदर रजा ने 37, टिमिसेन मारुमा ने 41 रन बनाए। हसन ने 24 ओवर में 82 रन पर पांच विकेट और तैजुल ने 24.3 ओवर में 78 रन पर चार विकेट लिए। मुश्फिकुर रहीम को उनके दोहरे शतक के लिए मैन ‘ऑफ द मैच का’ पुरस्कार मिला। एकमात्र टेस्ट पूरा हो जाने के बाद दोनों टीमें एक मार्च से तीन वनडे मैचों की सीरीज खेलेंगी, जिसके बाद नौ मार्च से दोनों टीमों के बीच दो टी-20 मैच खेले जाएंगे।
बॉल को स्टम्प्स पर लगने से बचाने के लिए मुश्फिकुर रहीम ने किया कुछ ऐसा
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