वेलिंगटन:भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों न्यूजीलैंड के दौरे पर है। दोनों टीमों के बीच दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेली जा रही है। सीरीज का दूसरा मैच 29 फरवरी से क्राइस्टचर्च में खेला जाना है। टीम इंडिया को वेलिंगटन में खेले गए पहले टेस्ट मैच में 10 विकेट से हार का सामना करना पड़ा था। दूसरे टेस्ट मैच से पहले कप्तान विराट कोहली ने टीम इंडिया के बल्लेबाजों को कड़ा संदेश दिया है। विराट ने बल्लेबाजों को डिफेंसिव होकर खेलने से मना किया है। विराट ने पुजारा एंड कंपनी को साफतौर पर कहा कि विदेशी दौरे पर डिफेंसिव खेल का कभी फायदा नहीं मिलता है।
कोहली ने कहा, ‘मुझे लगता है कि बैटिंग यूनिट के तौर पर हम जिस भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उसे सही करना होगा। मुझे नहीं लगता कि सतर्क होने या बेहद सावधानी बरतने से मदद मिलेगी क्योंकि ऐसे में हो सकता है कि आप अपने शॉट नहीं खेल पाओ।’ दूसरी पारी में तकनीकी तौर पर मंझे हुए बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने डिफेंसिव खेल अपनाया और 81 गेंदों पर 11 रन बनाए। हनुमा विहारी ने 79 गेंदें खेलीं और 15 रन बनाए। बैटिंग यूनिट किसी भी समय लय हासिल करने में नाकाम रही। पुजारा ने बीच में 28 गेंद तक एक भी रन नहीं बनाया और ऐसे में दूसरे छोर पर खड़े मयंक अग्रवाल को ढीला शॉट खेलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
‘आप अपने विकेट गिरने का इंतजार करते हो’
भारतीय कप्तान को यह कतई पसंद नहीं है कि आप दौड़कर एक रन न लो और किसी अच्छी गेंद का इंतजार करो जो आपका विकेट ही ले लेगी। कोहली ने कहा, ‘आपको शक पैदा होगा, अगर इन परिस्थितियों में एक रन भी नहीं बन रहा है, आप क्या करोगे? आप केवल यह इंतजार कर रहे हो कि कब वह अच्छी गेंद आएगी जो आपका विकेट ले लेगी।’ भारतीय कप्तान को विरोधी टीम पर हावी होने के लिए जाना जाता है और वो चाहते हैं कि उनके कुछ बल्लेबाज भी इसका पालन करें।
‘अगर विकेट पर घास है तो मैं अटैकिंग बल्लेबाजी करता हूं’
उन्होंने कहा, ‘मैं परिस्थितियों का आकलन करता हूं, अगर मैं देखता हूं विकेट पर घास है तो मैं हमलावर तेवर दिखाता हूं ताकि मैं अपनी टीम को आगे ले जा सकूं।’ कोहली ने कहा, ‘अगर आप सफल नहीं होते, तो आपको यह स्वीकार करना होगा कि आपकी सोच सही थी आपने कोशिश की लेकिन अगर इससे फायदा नहीं मिला तो उसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है।’ कप्तान ने अपनी राय को साफ करते हुए कहा, ‘लेकिन मुझे नहीं लगता कि सतर्क रवैये से कभी फायदा मिलता है खासकर विदेशी पिचों पर।’