भोपाल:बिहार के मुजफ्फरनगर बालिक आश्रय गृह और देवरियां के आश्रय गृह में लड़कियों के यौन शोषण की तरह का मामला अब मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में भी होने का खुलासा हुआ है। आरोप है कि शहर के निजी आश्रय गृह का मालिक लंबे समय से यहां रहने वाले लड़के-लड़कियों का यौन उत्पीड़न कर रहा था। इनमें से तीन की मौत भी हो चुकी है।
पुलिस ने शनिवार को बताया कि मामले में आश्रय गृह के मालिक और सेना से रिटायर 70 वर्षीय शख्स को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के मुताबिक तीन लड़कों और दो लड़कियों ने सामाजिक अधिकारिता विभाग को शिकायत की थी। वहां से मामले को पुलिस के पास भेजा गया।
अधिक रक्त स्राव से हुई मौत
रहवासियों ने पुलिस को बताया कि एक लड़के की मौत दुष्कर्म के बाद अधिक रक्त स्राव की वजह से हुई। जबकि एक लड़के की बर्बर तरीके से पिटाई गई और उसका सिर दीवार से मारा गया, जिससे उसकी मौत हुई। रहवासियों ने बताया कि एक बच्चे की मौत ठंड के कारण हुई, क्योंकि उसने यौन उत्पीड़न का विरोध किया था और इसकी वजह से मालिक ने उसे सर्दी की रात बाहर बिताने को मजबूर किया।
ऐसे खुला राज
सामाजिक न्याय विभाग के निदेशक कृष्ण मोहन तिवारी ने कहा, कुछ मूकबधिर बच्चे अपने अनुवादकों के साथ मेरे कार्यालय आए थे। उन्होंने हमें एक चिट्ठी दी, जिसमें आश्रय गृह के मालिक द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था। मामला की गंभीरता को देखते हुए हमनें तत्काल जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिय अधिकारियों को मामले की जांच करने को कहा।
23 साल पुराना आश्रय गृह
आश्रय गृह का पंजीकरण 1995 में कराया गया था और राज्य सरकार से बाकायदा वित्तीय मदद मिलती थी। 2003 से आश्रय गृह में 42 लड़के और 58 लड़कियां रह रही थी। गत दस साल से चार शिक्षक वार्डन की अनुपस्थिति में कामकाज देख रही हैं। वार्डन की शैक्षणिक योग्यता संदिग्ध होने की वजह से सरकार ने उसे निकाल दिया था।
मुख्यमंत्री ने भी लिया संज्ञान
मुख्य मंत्री ने पिछले महीने ही अधिकारियों को निर्देश दिया कि राज्य के प्रत्येक आश्रय गृहों और अनाथ आश्रमों को मासिक आधार पर निरीक्षण करें। इसके साथ ही निजी बालिका छात्रावासों के लिए भी दिशानिर्देश बनाने को कहा है।
भोपाल के आश्रय स्थल का भेद खुला, यहां भी बच्चों का यौन शोषण
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