वुहान:चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार (23 फरवरी) को कहा कि कोरोना वायरस देश का सबसे बड़ा जन स्वास्थ्य आपातकाल है। कोरोना वायरस से चीन में अबतक 2,442 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लगभग 77 हजार लोग इससे संक्रमित हैं। शी ने कोविड-19 प्रकोप की रोकथाम और नियंत्रण के लिये प्रयास दोगुने करने को लेकर बुलाई गई बैठक में कहा, ”यह तेजी से और दूर तक फैलने वाला वायरस है और इस पर नियंत्रण पाना व इसे रोकना बहुत मुश्किल काम है।”
वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई बैठक की अध्यक्षता चीन के प्रधानमंत्री ली केकियांग ने की। सरकारी प्रसारक सीसीटीवी की खबर के अनुसार शी ने कहा, ”यह हमारे लिये संकट की घड़ी है और यह बड़ी परीक्षा है।” उन्होंने कोरोना वायरस को देश का सबसे बड़ा जन स्वास्थ्य आपातकाल करार दिया।
शी ने कहा कि महामारी से ”निश्चित रूप से अर्थव्यवस्था और समाज पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा” हालांकि उन्होंने कहा कि ये प्रभाव ”अल्पकालिक” और नियंत्रित करने योग्य होंगे। कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित वुहान शहर में स्वास्थ्य अधिकारियों ने वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों को 14 दिन तक अलग रखने को कहा है। अधिकारियों ने रविवार (23 फरवरी) को कहा कि चीन में कोरोना वायरस से 97 और लोगों की मौत हो गई है, जिसके मृतकों की संख्या बढ़कर 2,442 हो गई।
चीन ने रविवार को उम्मीद जताई कि भारत उसके देश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पैदा हो रही स्थिति की समीक्षा ”वस्तुपरक एवं तर्कसंगत” तरीके से करेगा और द्विपक्षीय व्यापार एवं लोगों का आवागमन बहाल करेगा। चीन के कई परमार्थ संगठनों और कुछ चिकित्सकीय संस्थानों ने दावा किया है कि भारत ने चीन में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण वहां चिकित्सकीय उत्पादों का निर्यात प्रतिबंधित कर दिया है। इन्हीं दावों के मद्देनजर चीनी दूतावास के प्रवक्ता जी रोंग ने यह बयान दिया है।