नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में मैं हुनर हाट गया था। वहां भारत की संस्कृति, परंपराएं और कला देखी। इससे 3 लाख शिल्पकारों को रोजगार मिला। मोदी ने पिछली बार 26 जनवरी को ‘मन की बात’ की थी। गणतंत्र दिवस समारोह के चलते कार्यक्रम का प्रसारण शाम 6 बजे किया गया था।
मन की बात के 5 पॉइंट
‘कलाकारों को प्रोत्साहित करें’
मोदी ने कहा, ‘‘कुछ दिन पहले मैंने दिल्ली के हुनर हाट में देश के खान-पान, हस्तशिल्प, परंपराएं और कलाएं देखीं। इसमें देश की संस्कृति देखकर अनोखा अनुभव हुआ। कलाकारों की कहानियां प्रेरणादायक हैं। एक दिव्यांग महिला कलाकार ने बताया कि पहले वह फुटपाथ पर पेंटिंग बेचती थी, लेकिन आज हुनर हाट से उन्हें रोजगार मिला। पिछले सालों में 3 लाख से ज्यादा शिल्पकारों को इससे रोजगार के मौके मिले हैं। हुनर हाट में कई तरह के खान-पान के विकल्प हैं। मैंने खुद वहीं लिट्टी चोखा खाया था। हुनर हाट में एक बार जरूर जाना चाहिए। इससे आप देश के कलाकारों के जीवन में योगदान दे सकते हैं।‘’
‘जैव विविधता मानव जाति के लिए अनोखा खजाना’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमें महापुरुषों से सांस्कृतिक विरासत मिली है। इसका आतिथ्य लेने के लिए दुनियाभर से 500 से भी ज्यादा प्रजातियों के पक्षी भारत आते हैं। हमारे लिए गर्व की बात है कि भारत प्रवासी पक्षियों को लेकर होने वाली कॉन्फ्रेंस कॉप की अध्यक्षता करेगा। मेघालय में एक बड़ी मछली अंधेरे में गुफाओं के गहरे पानी में रहती है। हमारे आसपास कई अनदेखे पहलू मौजूद हैं, जिन्हें खोजना रोचक होता है। हमारी जैव विविधता पूरी मानव जाति के लिए अनोखा खजाना है।’’
‘अब रॉकेट लॉन्चिंग कोई भी देख सकता है’
मोदी ने कहा, ‘‘इन दिनों युवाओं में वैज्ञानिक गतिविधियों के प्रति रुचि बढ़ रही है। चंद्रयान-2 मिशन के तहत यह उत्साह मैंने बच्चों के बीच देखा था। अब आप श्रीहरिकोटा में रॉकेट लॉन्चिंग को आसानी से देख सकते हैं। इसके लिए विजिटर गैलरी बनाई गई है। सभी स्कूलों के प्राचार्यों से आग्रह करता हूं कि वे बच्चों को एक बार श्रीहरिकोटा में लॉन्चिंग जरूर दिखाएं। युविका की वेबसाइट www.yuvika.isro.gov.in पर जाकर कोई भी रजिस्ट्रेशन करा सकता है। यहां जाकर इसरो के कामकाज को करीब से देख सकता है।’’
‘परंपरागत ईंधन पर निर्भरता कम करनी होगी’
मोदी ने कहा कि पिछले दिनों लेह के एक एयरपोर्ट से वायुसेना के एक विमान ने बायो फ्यूल के जरिए उड़ान भरी। देहरादून के फ्यूल इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने बायो फ्यूल की संकल्पना को साकार किया है। इससे परंपरागत ईंधन पर हमारी निर्भरता में कमी आएगी।
‘बेटियां ऊंचाई पर पहुंच रहीं’
पीएम ने कहा, ‘‘आज महिलाएं नए हुनर से अपने जीवन का लक्ष्य हासिल कर रही हैं। बेटियां पुरानी परंपराओं को तोड़कर नई ऊंचाइयां पर पहुंच रही हैं। युवा पर्वतारोही काम्या ने दक्षिण अमेरिका की सबसे ऊंची चोटी को फलह किया। वे मिशन साहस पर जुटी हैं। सभी महाद्वीपों को फतह करना चाहती हैं। मैं उन्हें शुभकामनाएं देता हूं। जो देश फिट है, वह हमेशा हिट भी रहेगा।’’
‘‘आने वाले कुछ समय में देश की कई जगहों पर एडवेंचर स्पोर्ट्स के मौके हमें मिलेंगे। मेरा आप सबसे आग्रह है कि जीवन में एडवेंचर को जीवित रखें। 105 साल की भागीरथी अम्मा हमें यही प्रेरणा देती हैं। केरल के कोल्लम में अकेली रहती हैं। उन्हें 10 साल से कम उम्र में उन्हें मजबूरी में स्कूल छोड़ना पड़ा। फिर 105 की उम्र में चौथी के पेपर दिए और 75% अंक हासिल किए। गणित में तो 100% अंक मिले हैं।’’
मुरादाबाद के दिव्यांग सलमान ने गांव में चप्पल और डिटर्जेंट बनाना शुरू किया। 40 दिव्यांगों को अपने साथ जोड़ा। खुद अपनी मार्केटिंग भी करते हैं। इस साल उन्होंने 100 दिव्यांगों को अपने साथ जोड़ने का लक्ष्य रखा है। वहीं, गुजरात के एक गांव में अजरत कला को सहेजने के लिए लोगों ने संकल्प लिया। इससे परंपरागत अजरत प्रिंट देश-दुनिया में प्रसिद्ध हो रहा है।