नई दिल्ली:गृह मंत्री अमित शाह के अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर चीन के दखल के बाद भारत ने फटकार लगाई है। चीन की आपत्ति को बेवजह बताते हुए गुरुवार को सरकार ने कहा है कि यह भारत का अभिन्न हिस्सा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘भारत का हमेशा से रुख रहा है कि अरुणाचल प्रदेश उसका अभिन्न हिस्सा है जिसे अलग नहीं किया जा सकता।’
उनसे गृह मंत्री अमित शाह की राज्य की यात्रा पर चीन की आपत्ति के संदर्भ में सवाल पूछा गया था। कुमार ने कहा कि भारत के नेता समय-समय पर अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर जाते रहते हैं, जैसा कि वे देश के अन्य इलाकों में जाते हैं और भारतीय नेता की अरुणाचल प्रदेश की यात्रा पर चीन की आपत्ति बेवजह है।
गौरतलब है कि चीन ने अरुणाचल प्रदेश के स्थापना दिवस के अवसर पर बृहस्पतिवार को गृह मंत्री अमित शाह की राज्य की यात्रा पर आपत्ति जताई और कहा कि उनकी यात्रा बीजिंग की क्षेत्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है और आपसी राजनीतिक विश्वास पर प्रहार करती है। चीन ने कहा कि वह उनकी यात्रा का ‘दृढ़ता’ से विरोध करता है। शाह राज्य के 34वें स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बृहस्पतिवार को अरुणाचल प्रदेश गए। इस दौरान उन्होंने उद्योग और सड़कों से जुड़ी अनेक परियानाओं का शुभारंभ भी किया।
अरुणाचल प्रदेश 34 साल पहले 20 फरवरी को एक केंद्र शासित प्रदेश से पूर्ण राज्य बना था। यह क्षेत्र 1913-14 में ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और औपचारिक रूप से तब शामिल किया गया था, जब 1938 में भारत और तिब्बत के बीच सीमा के तौर पर मैकमोहन रेखा स्थापित हुई थी। दरअसल चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत क्षेत्र का एक हिस्सा मानता है। इसलिए वह प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्रियों के अरुणाचल प्रदेश के दौरे को लेकर अपनी आपत्ति जताता रहा है।