नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने राजस्थान में अवैध और अनियंत्रित तरीके से हो रहे रेत खनन (illegal sand mining) पर गहरी नाराजगी जताई है। शीर्ष अदालत ने बेहद कड़ा रुख अख्तियार करते हुए राज्य सरकार, उसके कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को इस पर तुरंत रोक लगाने का निर्देश दिया है। सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court) ने राजस्थान सरकार से इस संबंध में चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है।
सर्वोच्च अदालत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि अवैध रेत खनन से पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति होगी। इस पीठ में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्य कांत भी शामिल हैं। पीठ ने अदालत द्वारा नियुक्त केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति को इस मामले की जांच करने के भी निर्देश दिए। शीर्ष अदालत ने अवैध खनन से निपटने का कदम सुझाया और इस पर रिपोर्ट जमा करने के भी निर्देश जारी किए।
शीर्ष अदालत ने केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति यानी CEC को रेत कारोबारियों, इसकी ढुलाई करने वालों एवं अन्य पक्षों के सामने पेश आ रही मुश्किलों पर भी विचार करने के लिए कहा। अदालत के मुताबिक, इस समिति के पास जांच के लिए सरकार के किसी भी अधिकारी को तलब करने का अधिकार होगा। मालूम हो कि सुप्रीम कोर्ट राजस्थान में अवैध रेत खनन को लेकर डाली गई कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। ऐसा नहीं की सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान में अवैध रेत खनन पर पहली बार रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं। साल 2017 में भी अदालत ने राजस्थान में अवैध रेत खनन रोकने का आदेश जारी किया था।