नई दिल्ली:पाकिस्तानी टीम दिल्ली में होने वाली एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में हिस्सा लेगी। भारतीय कुश्ती संघ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने इसकी पुष्टि की। उनके मुताबिक, भारत सरकार ने पाकिस्तानी दल को इस प्रतियोगिता में हिस्सा लेने के लिए वीजा जारी कर दिया। पिछले साल 14 फरवरी को हुए पुलवामा हमले के बाद पड़ोसी मुल्क से कोई टीम पहली बार भारत खेलने आ रही है। कोरोनावायरस प्रभावित चीन के पहलवानों पर फैसला सोमवार को होगा। यहां से 40 सदस्यों का दल भारत आने वाला है, लेकिन अब तक इन्हें वीजा नहीं मिला है। इनकी यात्रा को भी मंजूरी नहीं मिली है। चैंपियनशिप 18 से 23 फरवरी के बीच दिल्ली में होगी।
सहायक सचिव ने बताया कि इस मामले को लेकर कुश्ती संघ के पदाधिकारियों की शुक्रवार को खेल सचिव राधेश्याम जुलानिया से मुलाकात हुई थी। उन्होंने तत्काल गृह सचिव से बात की। इसके बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों और कोच को वीजा जारी किया गया। इसमें भारतीय ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष नरिंदर बत्रा ने भी अहम रोल निभाया। पाकिस्तान के दल में 4 पहलवान (फ्रीस्टाइल वर्ग), एक कोच और एक रेफरी शामिल होगा। इसमें मोहम्मद बिलाल (57 किलो), अब्दुल रहमान (74 किलो), तैयब रजा (97 किलो), जमान अनवर (125 किलो) हैं।
भारतीय कुश्ती संघ ने विदेश मंत्रालय से वीजा देने की गुजारिश की थी
भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह ने कहा था कि चीन के कुश्ती दल के सभी 40 सदस्यों की जांच हो चुकी है और कोई भी कोरोनावायरस संक्रमित नहीं है। उन्होंने दोनों देशों के खिलाड़ियों से जुड़े वीजा विवाद पर विदेश मंत्री एस. जयशंकर से भी बात की थी और उन्हें इस संबंध में कुश्ती की अंतरराष्ट्रीय संस्था यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) की चिठ्ठी भी सौंपी थी, जिसमें उसने भारतीय कुश्ती संघ को लिखा था कि किसी भी देश के खिलाड़ी को वीजा मिलने में परेशानी नहीं होनी चाहिए। अगर ऐसा होता है तो भारत को चीन में होने वाले एशियन ओलिंपिक क्वालिफायर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया जाएगा।
यूनाइडेट वर्ल्ड रेसलिंग के नियमों के मुताबिक, मेजबान देश के लिए यह अनिवार्य होता है कि वह टूर्नामेंट में हिस्सा लेने वाले देशों को वीजा दे।