तपस्या पुरस्कार के लिए नहीं कर्म निर्जरा के लिए हो : मुनि जिनेश कुमार
पुणे। ध्यान दिवस मनाया पुणे आचार्य महाश्रमण जी की शिष्य मुनि जी जिनेश कुमार के सानिध्य में तथा तेरापंथ सभा के तत्वावधान में स्वयंवर मंगल कार्यालय में तप अभिनंदन का कार्यक्रम संपन्न हुआ जिसमें सिद्धि तप, मासखमण अठाई करने वाले भाई बहनों का तेरापंथ सभा द्वारा बहुमान किया गया। पर्युषण पर्व के सातवें दिन ध्यान दिवस पर बोलते हुए मुनि जी जिनेश कुमार ने कहा आत्मा में लीन रहना ही ध्यान है । निर्विचारता का नाम ध्यान है । ध्यान ज्योति व प्रकाश की साधना है । ध्यान के द्वारा साधक कषाय मुक्ति, विषय मुक्ति, परिग्रह व हिंसा से मुक्त हो सकता है। ध्यान स्वभाव व परिवर्तन वह आत्मसाक्षात्कार की प्रतिक्रिया की प्रक्रिया है । ध्यान भी एक तपस्या है ऊर्जा है । आचार्य श्रीतुलसी के सन्निधि में आचार्यश्री महाप्रज्ञजी ने प्रेक्षाध्यान का शुभारंभ किया । तनाव से ग्रसित युवा पीढ़ी के लिए ध्यान रामबाण औषध है । मुनि जिनेश कुमार ने कहा निर्जरा का अर्थ है चेतन । जो भीतर संचित है उसको बाहर निकालना यह है निर्जरा। निर्जरा का मूल तपस्या है । तपस्या से तीन बातें फलित होती है ऊर्जा का अधिक संचय , ऊर्जा का अल्पव्यय , ऊर्जा की ऊर्ध्व यात्रा । तपस्या पुरुष्कार , विकार, संसार के लिए नहीं कर्म निर्जरा के लिए होनी चाहिए । तप साधना का सोपान है । तब दावानल की ज्वालाओं को शांत करने के लिए शीतल जल है । भोग लुब्ध इंद्रिय रूपी सूर्य को बांधने का आमेघ एक मंत्र है । तपस्या से आत्मा उज्जवल बनती है । मुनि ने आगे कहा कृत कर्म से छुटकारा पाने के दो ही मार्ग है जो कर्म किया है उसे भोग कर या तपस्या के द्वारा क्षीण कर सकते हैं । पुणे में तप का अच्छा माहौल बना हुआ है । सभी तपस्वी जनों के प्रति मंगल कामना करता हूं । इस अवसर पर तपस्वी जनों के परिवार वालों ने विचारों की अभिव्यक्ति दी तेरापंथ सभा के अध्यक्ष सुरेंद्र कोठारी ने तपस्वी जनों के प्रति मंगलकामना प्रस्तुत की । साध्वी प्रमुखा कनकप्रभा जी द्वारा प्रदत संदेश का वाचन गुणवंत जी सेलानी में किया। आभार तेरापंथ सभा के मंत्री संजय मरलेचा, संचालन परमानंद जी ने किया। मुनि श्री की प्रेरणा से श्वेता बाठिया ( मासखामण ) मीनू सांखला, अश्विनी सांखला (सिद्धि तप) के प्रत्याख्यान किए। इसके अतिरिक्त कुणाल, करण, ऋषभ सेठिया, पारस बाई डाकलिया , भूषण रेखा चौरड़िया , कवीश , मंजू कटारिया शांतिलाल, मनीषा, मंजू सांखला , आशा पगारिया, धवल श्रीमाल, राजश्री डागा , कमलेश सेमलानी, हेमा खिवंसरा, दीपक ओस्तवाल , हर्षा संचेती, तेजस्वी कर्णावट, राजेंद्र छलानी , सोहन कोटेचा, मनीष पटेल आदि सदस्यों ने 8 , 9, 16 आदि के प्रत्याख्यान किए। उपवास , बेला , तेला, चोला आदि के प्रत्याख्यान हुए। मुनि श्री की प्रेरणा से पर्युषण काल में पचरंगी एवं सौ के आसपास तेले हुए।
पुणे में तप अभिनंदन कार्यक्रम संपन्न
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