वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को बड़ालालपुर स्थित दीनदयाल संकुल में ओडीओपी के तहत दो दिवसीय कार्यक्रम ‘काशी एक-रूप अनेक’ का शुभारंभ किया। सभागार में अंतरराष्ट्रीय बायर, बुनकरों और हस्तशिल्पियों से संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास संसाधनों और कौशल की कभी कमी नहीं रही है, बस एक व्यापक सोच के साथ काम करने की जरूरत है। ज़रूरत बस इस कहानी को दुनिया तक पहुंचाने की है। देश को पांच ट्रिलियन डालर की अर्थव्यवस्था का सामर्थ्य हर जिले के परंपरागत उद्योग हैं। इन उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय बाजार मुहैया कराने के साथ ही भारत को मैनुफैक्चरिंग पावरहाउस बनाने की बात कही।
पीएम मोदी ने कहा कि काशी में ये मेरा आज का तीसरा कार्यक्रम है। सबसे पहले मैं आध्यात्म के कुंभ में था। फिर आधुनिकता के कुंभ में गया, बनारस के लिए सैकड़ों करोड़ की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया और अब मैं एक प्रकार से स्वरोजगार के कुंभ में पहुंच गया हूं। भारत की हमेशा से ही ये शक्ति रही है कि यहां के हर क्षेत्र, हर जिले की पहचान से कोई ना कोई विशेष कला, विशेष आर्ट और विशेष उत्पाद जुड़ा रहा है।
पीएम ने कहा कि इस बार के बजट ने भी सरकार की प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है। सिर्फ इस साल के लिए नहीं बल्कि आने वाले 5 वर्षों के लिए छोटे और मझोले उद्योगों के विकास का एक खाका खींचा गया है। इस साल के बजट में यूपी में बन रहे डिफेंस कॉरिडोर के लिए भी करीब 3700 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। लखनऊ में दुनियाभर की डिफेंस कंपनियों ने यहां उद्योग लगाने की रुचि दिखाई।
आज कोशिश ये की जा रही है कि सामान्य जन को और सामान्य कारोबारी को कागजों के, दस्तावेज़ों के बोझ से मुक्त किया जाए। सरकारी प्रक्रियाएं उलझाने के बजाय सुलझाने वाली हों, रास्ता दिखाने वाली हों, इसके लिए काम किया जा रहा है। MSMEs को सशक्त करने के लिए ऐसे प्रोडक्ट्स के आयात को कम किया जा रहा है, जिनसे बेहतर उत्पाद भारत में ही बन रहे हैं। देश के Wealth Creators को अनावश्यक परेशानी ना हो, इसके लिए पहली बार टैक्सपेयर्स चार्टर बनाया जा रहा है। टैक्स कलेक्शन को Faceless किया जा रहा है।
यूपीआईडी शिल्पकारों व बुनकरों की मददगार बन रही
प्रधानमंत्री ने यूपीआईडी यानी उत्तर प्रदेश डिजाइन संस्थान को शिल्पकारों व बुनकरों का मददगार बताया। कहा कि दो साल में 30 जिलों के 3500 से ज्यादा शिल्पकारों-बुनकरों को डिजाइन में इससे सहायता दी गई। क्राफ्ट से जुड़े सुधार के लिए एक हजार कलाकारों को टूल किट दिये गये। कहाकि दुनिया में क्राफ्ट शिल्पिकारी से यूपी के कलाकारों को सीधे जोड़ने के लिए यूपीआईडी बड़ा प्लेटफार्म बन रहा है।
पर्यावरण के लिए सहायक हमारा परंपरागत उद्यम
प्रधानमंत्री ने यहां आने से पहले प्रदर्शनी देखी। इसका जिक्र करते हुए कहा कि प्रदर्शनी में दिखा कि दोना-पत्तल बनाने वाले कारीगरों को आधुनिक मशीनें दी गई हैं। बताया कि भारत ने 2022 तक सिंगल यूज प्लास्टिक से मुक्ति का संकल्प लिया है। जब पूरी दुनिया प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ रही है, ऐसे समय में हम अपने इस तरह के इनवायरमेंट फ्रेंडली समाधान को दुनिया से साझा कर सकते हैं। केवल इस पुरातन परंपरा को 21वीं सदी की आवश्यकताओं के हिसाब से ढालने की जरूरत है। अपने उत्पादों को और परिष्कृत करने, समय के हिसाब से बदलाव व गुणवत्ता बढ़ाने की है। इस सुधार, बदलाव और गुणवत्ता तथा अंतरराष्ट्रीय बाजार के लिए प्रदेश की सरकार काम कर रही है।
पुराने ढर्रे से बाहर निकल चुका है देश
प्रधानमंत्री ने कहा कि बुनकरी, हस्तशिल्प व परंपरागत उत्पादों को उद्योग बनाने के लिए सरकार पिछले पांच साल से कमा कर रही है। इसी सोच के साथ साढ़े पांच साल में सोलर चरखा, सोलर लूम, ई-चाक आदि वितरित किया गया है। हालांकि यह 2014 से पहले नहीं था। बनारस और यूपी का सामान्य बुनकर, सामान्य निर्यातक निवेशकों से ऑनलाइन प्लेटफार्म से संवाद नहीं कर सकता था। कहा कि ऐसा नहीं कि यह पहले नहीं हो सकता था लेकिन पूर्व की सरकारों के पास एप्रोच नहीं था। कहा कि देश के हर क्षेत्र, हर व्यक्ति को सशक्त व स्वावलंबी बनाने की सोच के साथ हम आगे बढ़ रहे हैं। यही कारण है कि इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के टीएफसी सेंटर के अलावा पूरे देश में अनेक ऐसे केंद्र बनाये गये हैं, जहां सामान्य हस्तशिल्पी सामान्य कारोबारी, अपने उत्पाद प्रदर्शित कर सकें।
मोबाइल एप से ले सकेंगे लोन
पीएम ने बताया कि विभागों की लंबी प्रक्रियाओं से छोटे उद्योगों को कैश थ्रो की समस्या आती रही है। अब कानून में संशोधन किया गया है। इसके बाद आपके सामान के बिल और इन्वेस्ट के आधार पर ऋण मिल सकेगा। लोन की सुविधा को और आसान बनाने के लिए मोबाइल एप आधारित इनवेस्टमेंट फाइनेंसिंग लोन प्रोजेक्ट लाने की योजना है। मोबाइल फोन से ही लोन ले सकेंगे। कहा कि जीईएम के बनने से सरकार को सामान बेचने में छोटे उद्यमियों को बहुत आसानी हुई है। इससे सरकारी खरीद में पारदर्शिता भी आई है।
यूपीआईडी की पुस्तक का विमोचन, ई-कामर्स पोर्टल लांच
प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान यूपीआईडी की पुस्तक का विमोचन किया। इस दौरान यूपीआईडी और ओडीओपी पर आधारित ढाई-ढाई मिनट की फिल्म दिखाई गई। इसके बाद पीएम ने 17 बुनकरों, हस्तशिल्पियों को टूलकिट वितरित किया। पीएमईजीपी, एमवाईएसवाई और ओडीओपी व मुद्रा योजना के तहत दो लोगों को सांकेतिक तौर पर ऋण बांटा। इसके बाद ई-कामर्स पोर्टल लांच किया।
साल और चांदी का लूम देकर स्वागत
पीएम का स्वागत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साल और चांदी का लूम देकर किया। इसके बाद कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने भदोही की कालीन कारीगरी से तैयार पीएम व उनकी मां की तस्वीर भेंट किया। मंच पर राज्यमंत्री उदयभान सिंह और उत्तर प्रदेश डिजाइन संस्थान की अध्यक्ष क्षिप्रा शुक्ला मौजूद रहीं।