जालना में परिवार कार्यशाला का आयोजन
जालना। व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का विकास चाहता है, पर उस विकास का आधार है परिवार। जैसे शरीर के विकास का आधार है मेरुदंड। व्यक्ति को परिवार से जैसे गुणसूत्र एवं वातावरण प्राप्त होता है ,वैसे ही उसके व्यक्तित्व का चहुंमुखी विकास होता है। आचार्यश्री महाश्रमणजी की विदुषी शिष्या साध्वी निर्वाणश्रीजी ने अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित एवं जालना तेरापंथ महिला मंडल द्वारा समायोजित कार्यशाला को संबोधित करते हुए ये उद्गार व्यक्त किए।
उन्होंने अंग्रेजी के family शब्द को मीमांसित हुए कहा- फैमिली का F सिखाता है कि परिवार में faith हो , A का संदेश है कि adjustment होने से ही परिवार रूपी रथ आगे बढ़ेगा M से management के बिना तो परिवार बिखर ही जाएगाI i से interaction एक दूसरे को संवाद से निकट लाएगा L से loyalty होने पर और Y से you first की भावना रखने पर परिवार से परस्परता बढती चली जाएगी।
डॉ. साध्वी योगक्षेमप्रभाजी ने कार्यशाला के प्रमुख वक्ता के रूप में अपने उद्गार प्रकट करते हुए कहा –परिवार व्यक्ति के लिए बहुत बड़ा संबल है। अतः परिवार में शांति, परस्परता, सेवा, सामंजस्य आदि गुणों का होना आवश्यक है। जहां ये गुण होते हैं उस परिवार पर सरस्वती और लक्ष्मी दोनों की कृपा बरसती है ।आज की कार्यशाला केवल बहिनों के लिए ही नहीं है ,भाइयों की भी उसमें उतनी ही भागीदारी है क्योंकि दोनों की मिलन और सहयोग से ही परिवार बनता है।
जालना की बहिनों ने इस अवसर पर स्वीट्स के माध्यम से अपनी प्रतिभा का परिचय दिया। skits मैं कुल पांच ग्रुप की सहभागिता रही। सब की प्रस्तुतियां सराहनीय रही। इसमें प्रथम स्थान श्रीमती अनीता जोगड़ ग्रुप ने प्राप्त किया। द्वितीय स्थान पर श्रीमती साधना सेठीया का ग्रुप रहा ।
इन प्रस्तुतियों में बच्चों का पार्ट प्ले करने वाली श्रीमती नेहा बोथरा कन्या बनने वाली श्रीमती मनीषा संचेती ने विशेष सराहना बटोरी ।हंसी खुशी के माहौल में कार्यशाला परिसंपन्न हुई। श्रीमती अर्चना सेठिया ने साध्वीवृंद के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हुए उपस्थित संभागीयो को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का संचालन संगीता बोथरा ने कुशलता पूर्वक किया। कार्यक्रम की समायोजना में मंडल की अध्यक्ष श्रीमती नयना पीपाड़ा , मंत्री प्रीति सेठीया ने विशेष श्रम किया। यह जानकारी श्रीमती प्रीति सेठीया ने दी।