मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के कर्मचारियों के लिए पांच दिवसीय कार्य सप्ताह की घोषणा की है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में बुधवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया। नई व्यवस्था 29 फरवरी से लागू होगी।
हर दिन 45 मिनट अतरिक्त करना पड़ेगा काम
राज्य कर्मचारियों को हर महीने दूसरे और चौथे शनिवार को छुट्टी मिलती है। राज्य में सरकारी, अर्द्ध सरकारी और स्थानीय निकायों में 20 लाख से अधिक कर्मचारी हैं। इस छुट्टी का असर काम पर न पड़े इसलिए अब सोमवार से शुक्रवार तक प्रत्येक कर्मचारी को 45 मिनट अतिरिक्त काम करना होगा। इसका मतलब है कि एक सप्ताह में 3.75 अतिरिक्त घंटे एक कर्मचारी को देने होंगे। हालांकि, इस पांच दिवसीय कार्य व्यवस्था से सभी आपातकालीन सेवाओं को बाहर रखा जाएगा।
कर्मचारियों की कार्यक्षमता बढ़ने का दावा
सरकार का तर्क है कि नई व्यवस्था से अनुपस्थिति पर अंकुश लगाएगा। बेहतर परिवार- कार्यस्थल संतुलन का निर्माण होगा और इससे उत्पादकता और दक्षता बढ़ेगी। पिछले कई वर्षों से राज्य सरकार के कर्मचारी इसकी मांग कर रहे थे।
बहुजन कल्याण विभाग का भी निर्माण
मंत्रिमंडल ने यह भी तय किया है कि ओबीसी, एसईबीसी (सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़े वर्ग), वीजेएनटी (विमुक्त जाति और घुमंतू जनजाति) और विशेष पिछड़ा वर्ग के लिए राज्य विभाग को अब ‘बहुजन कल्याण विभाग’ के रूप में जाना जाएगा।