– तेजबहादुर सिंह भुवाल।।
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भारत देश में आजादी के बाद हिन्दी भाषा को संविधान द्वारा मान्यता प्राप्त होने पर पूरे राष्ट्र में हिन्दी के महत्व व हिन्दी के महत्व को समझने एवं हिन्दी के प्रति जागरूकता पैदा करना के लिए हिन्दी दिवस के रूप में प्रतिवर्ष 14 सितम्बर को मनाया जाता है। हिन्दी नाम फारसी शब्द हिन्द से बना है, जिसका मतलब है कि सिन्धु नदी का भूमि। दुनिया में हर ध्वनि हिन्दी भाषा में लिखी जा सकती हंै। हिन्दी भाषा विश्व में चैथी सबसे ज्यादा बोली जाने वाली भाषा है। भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी को भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, फिजी, श्रीलंका, न्यूजीलैंड, सिंगापुर, यूनाईटेड अरब एमिरेट्स, सूरीनाम, गुयाना, टोबैगो और आॅष्ट्रेलिया में बोली जाती है।
हमारा देश कई जाति, धर्म और संप्रदाय से मिलकर बना है। यहां पर कई भाषा बोलने और लिखने वाले है, जो अपने – अपने क्षेत्रीय भाषा को बढ़ावा देते हैं, किन्तु उन सभी लोगों को आपसी भाईचारा और जोड़ने के लिए हिन्दी भाषा के एक डोर में जोड़ने का कार्य किया गया है। सभी राज्यों के अपासी वार्तालाप के लिए एक ही भाषा की आवश्यकता होती है वह भाषा है हिन्दी जिसको सभी भारतीय अच्छे से बोलना और लिखना जानते है, सभी को मूल भाषा हिन्दी का अनुसरण करना चाहिए। देश की आजादी के लिए कई महान लेखकों और कवियों द्वारा हिन्दी भाषा का उपयोग कर बहुत की पुस्तकें लिखी और लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए हिन्दी अखबार भी प्रकाशित किये जाते थे। हर भारतवासी को अपने मूल भाषा के प्रति सम्मान और राष्ट्र प्रेम की भावना होनी चाहिए। हिन्दी दिवस के रूप में हमें याद रखना चाहिए कि हम भारतीय हिन्दीवासी है, हमें हिन्दी बोलने, लिखने में गर्व महसूस होता है। शिक्षा के लिए हम अंग्रेजी भाषा के खिलाफ नहीं हैं, परन्तु अंग्रेजी भाषा को अपना मूल ना बनाए। जहां कहीं भी हिन्दी का उपयोग हो सकता है, उसका ही प्रयोग करें। हमें अपने राष्ट्रभाषा या मातृत्व भाषा का मान रखना चाहिए।
हमें अपने मूल भाषा को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उपयोग करना चाहिए, जिससे हमारे देश की लोक संस्कृति, कला, परम्परा के बारे में जाने। हिन्दी दिवस के अवसर पर पूरे देश के सभी स्कूलों, काॅलेजों, अन्य शैक्षणिक संस्थानों एवं समाज सेवी संस्थाओं द्वारा विशेष आयोजन किया जाता है। इस आयोजन में हिन्दी कविता, लेखन, निबन्ध, कविताएं, कहानियां, शब्दावली, रंगोली, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं अन्य कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। शहर के कई जगहों पर बड़े स्तरों पर हिन्दी कविता पाठ भी किया जाता है, ताकि लोग हिन्दी भाषा को जाने, समझे और उसका सम्मान करें। हमारे देश में हिन्दी दिवस के दिन हिन्दी साहित्य से जुड़े कई लोगों को अवार्ड प्रदान करते हैं और उनको सम्मानित करते हैं। हिन्दी दिवस के अवसर पर राजभाषा कीर्ति पुरस्कार और राजभाषा गौरव पुरस्कार भी प्रदाय किये जाते है।
इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में राष्ट्रभाषा के प्रति सम्मान और मूल भाषा हिन्दी का अधिक से अधिक उपयोग करना है। जबकि वर्तमान स्थिति में बढ़ते शैक्षणिक स्तर को अंग्रेजी भाषा ने ले लिया है, जहां देखो लोग अंग्रेजी बोलते है, लिखते हैं, जिससे उन्हें पढ़े-लिखे होने का गर्व होता है, जबकि यह सोचना गलत है। हम हिन्दी बोल और लिख कर भी अपने और अपने देश का नाम बढ़ा सकते हैं।
व्यक्ति चाहे तो अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी से भी पूरे विश्व में कार्य कर सकता है और हिन्दी भाषा का उपयोग कर सकता है। कोई भी देश किसी अन्य देश की भाषा का विरोध नहीं करती, लेकिन उस देश के लिए वहां कि भाषा उतना ही जरूरी होती है। कई देश ऐसे है जहां आज भी संस्कृत एवं हिन्दी सिखाई और बोली जाती है। हाॅलाकि अंग्रेजी भाषा पूरे विश्व में सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।
हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि हम भारतवासी है, अनेक जाति, धर्म, सम्प्रदाय भिन्न हैं पर हम सभी एक ही है। इसलिए हमारा राष्ट्रभाषा एक ही है हिन्दी। हमें राष्ट्रभाषा का सदा सम्मान करना चाहिए। स्कूल हो या काॅलेज या फिर आॅफिस जहां तक हो सके हिन्दी में ही वार्तालाप करें। अध्ययन की बात और है। भारतवासी को चाहिए कि वह दुनिया की सभी भाषाओं का ज्ञान अवश्य रखें पर हिन्दी भाषा को कभी भूले नहीं।
अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी का सम्मान करें

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