औरंगाबाद। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी श्री निर्वाणश्री जी आदि थाना 7 का एक मासिक प्रवास औरंगाबाद वासियों के लिए उपलब्धियों भरा रहा। पूज्यप्रवर के पदार्पण एवं अक्षय तृतीया समारोह के संदर्भ में तैयारियों का एक ऐसा दौर चला कि तेरापंथ भवन ,(पान दरीबा) में हर समय एक नई रौनक छा गई। श्रद्धालुओं को लगने लगा कि मानो चातुर्मास का काल ही चल रहा है। बहुविध कार्यक्रमों आयोजना से सब में विशेष उत्साह का संचार हुआ ।उनका संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है
अक्षय तृतीया व्यवस्था समिति की संगोष्ठी – व्यवस्था समिति के पदाधिकारियों एवं स्थानीय कार्यकर्ताओं की विशेष संगोष्ठी साध्वी श्री के सानिध्य में समायोजित हुई। जिसमें साध्वी श्री जी के मंगल मार्गदर्शन के अतिरिक्त साध्वी योगक्षेमप्रभा जी का विशेष वक्तव्य हुआ।
कार्यकर्ता प्रशिक्षण कार्यशाला- मराठवाड़ा एवं विदर्भ व्यवस्था समिति के तत्त्वावधान में विदर्भ एवं मराठवाड़ा के कार्यकर्ताओं की विशेष कार्यशाला जाफर गेट तेरापंथ भवन में आयोजित की गई। जिसमें 125 भाई बहनों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही। रास्ते की सेवा, प्रवास, गोचरी आदि विविध विषयों के संदर्भ में विस्तृत विमर्श हुआ।
भक्ति संध्या एवं ज्ञानशाला प्रशिक्षिकाओं की प्रस्तुति– नववर्ष के उपलक्ष्य में भक्ति संध्या का आयोजन किया गया। अनेक संगायको ने अपनी प्रभावी प्रस्तुतियों से वातावरण में सर सता का संचार किया। साध्वी लावण्य प्रभा जी, साध्वी कुंदनयशा जी ,साध्वी श्रेयसप्रभा जी एवं साध्वी मधुरप्रभा जी ने मधुर गीतों का संगान किया। ज्ञानशाला की प्रशिक्षकाओं को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिह्न से सम्मानित किया गया।
महिला कार्यशालाएं- स्थानीय महिला मंडल द्वारा अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल द्वारा निर्देशित दंपत्ति कार्यशाला एवं महिला कार्यशाला “स्व से शिखर तक” के संदर्भ में आयोजित की गई। सबकी उत्साह पूर्ण सहभागिता रही।
युवा संगोष्ठीः स्थानीय युवक परिषद द्वारा युवकों की विशेष संगोष्ठी साध्वी श्री जी के सानिध्य में रखी गई। वार्षिक अधिवेशन के अतिरिक्त प्रथम बार युवकों की उल्लेखनीय उपस्थिति रही।
कन्या संगोष्ठी– कन्या मंडल को विस्तार देने के लक्ष्य से कन्याओं की विशेष संगोष्ठी रखी गई। इस संगोष्ठी में दूर-दूर से विभिन्न उपनगरों की कन्याओं ने भाग लिया। कन्यामंडल की सदस्य संख्या प्रर्वधमान है। कन्या मंडल की दो कार्यशाला आयोजित की गई।
स्थानीय महिला, मंडल कन्या मंडल, युवक परिषद आदि के साथ ज्ञानशाला के ज्ञानार्थीयों का उत्साह भी इस प्रवास में विशेष रहा। सभी कार्यक्रमों की तैयारी में उन्होंने क्रिसमस की छुट्टियों का भरपूर आनंद उठाया ।किशोर मंडल के किशोर भी समय-समय पर उपस्थित होते रहे ।तेरापंथ भवन में 23 दिवसीय प्रवास करने के पश्चात विभिन्न उपनगरों उस्मानपुरा, ज्ञानेश्वर नगर ,दशमेश नगर, पुंडरिक नगर, वर्धमान रेसीडेंसी ,सिडको, कलाग्राम आदि क्षेत्रों में रहने वाले श्रद्धालुओं की भावना को पूरा करते हुए साध्वी वृंद क बिहार जालना की ओर हुआ। पूज्यप्रवर के पदार्पण से यहां की सुषमा शतगुणित हो उठेगी, यह परिकल्पना मात्र ही सबको रोमांचित कर रही थी। मार्गवती पैदल सेवा में सभा की ओर से सुधीरजी बांठिया ,गोपाल जी छाजेड़, तथा युवक परिषद से कौशिक सुराणा, जयेश सुराणा ,मयूर आच्छा ,पंकज चोरड़िया, मुदित सुराणा, अक्षय बोहरा ,जिनेश कोठारी, अजय छाजेड़, रुपेश आबड़ आदि ने विशेष सक्रियता का परिचय दिया । उपासना की व्यवस्था में सभा के मंत्री संजय सेठिया का सहयोग रहा।
महिला मंडल की अध्यक्ष श्रीमती सरिता सेठिया के साथ श्रीमती कंचन धोखा ,निर्मला आबड़ एवं रीमा छाजेड़ ने मार्ग वती उपासना का पूरा पूरा लाभ लिया। अन्य सदस्याएं समय समय पर उपस्थित होती रही।
वर्धमान रेसीडेंसी रात्रि कालीन कार्यक्रम में साध्वीश्री ने जीवन विकास के सूत्रों की विस्तृत विवेचना की ।साध्वी योगक्षेमप्रभा जी का हृदयस्पर्शी वक्तव्य हुआ ।साध्वी कुंदनयशा जी ने प्रासंगिक गीत का संगान किया ।प्रतिभा सुराणा द्वारा प्रस्तुत मंगलाचरण से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। स्थानकवासी समाज की ओर से श्रीमती रश्मि जैन ने साध्वी श्री जी की अभी वंदना करते हुए कृतज्ञता ज्ञापित। की श्रीमती चेष्टा सुराणा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
नव वर्ष पर विशेष कार्यक्रम– स्तुतियों एवं मंगल स्रोतों की मनहारी ध्वनि से भवन प्रांगण गूंजता रहा। जाफर गेट तेरापंथ भवन का विशाल हॉल खचाखच भरा था ।भाई बहनों का उत्साह एवं भक्ति देखते ही बनती थी। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस कार्यक्रम के पश्चात छह साध्वियों ने मंगल गीत का संगान किया ।साध्वी श्री निर्वाणश्री जी का पावन प्रेरणा पाथेय तथा साध्वी श्री योगक्षेमप्रभा जी का संक्षिप्त किंतु सारगर्भित वक्तव्य हुआ।
सामायिक दिवस– सामायिक फेस्टिवल में महावीर भवन का विशाल परिसर णमोकार महामंत्रमय बन गया ।साध्वी श्री जी का प्रेरक प्रवचन श्रमण संघीय श्रुतमुनि जी का उद्बोधन व साध्वी योगक्षेमप्रभा जी का प्रभावी वक्तव्य तथा साध्वी लावण्यप्रभा जी आदि छहों साध्वियों का “कर लो एक सामायिक” भावपूर्ण संगान हुआ।
इस अनूठे आयोजन में तेरापंथ धर्मसंघ की अनूठी अनुशासन प्रियता एकता प्रतिबिंबित हुई ।श्रावक समाज ने साध्वी श्री जी के आह्वान को सफल बनाया तेयूप के सक्रिय अध्यक्ष मयूर आच्छा की टीम ने व्यवस्थाओं को सुंदर ढंग से संपादित किया। करीब 900 भाई बहनों ने सामायिक अनुष्ठान में भाग लिया। इस अवसर पर उपस्थित अन्य तीन जैन संप्रदायों को पूज्यप्रवर के आगामी कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
औरंगाबाद में जागृति की बहार लाया एक मासिक प्रवासः साध्वी श्री निर्वाणश्री
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