कानपुर:आतंकी डॉ. जलीस अंसारी रविवार सुबह सात बजे अमौसी एयरपोर्ट से मुंबई के लिए रवाना हो गया। जाते जाते वह एसटीएफ अधिकारियों को चुनौती दे गया। उसने देश की कानून व्यवस्था को लचर बताते हुए कहा कि उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। अपने ऊपर लिखी एक किताब को पढ़ने की सलाह मुफ्त में दे गया।
शनिवार की दोपहर लगभग 3 बजे जलीस अंसारी को एसटीएफ और मुंबई एटीएस कानपुर लेकर पहुंची थी। यहां पर पूछताछ करने के बाद अल सुबह चार बजे उसे अमौसी ले जाया गया। कानपुर से लखनऊ के रास्ते में भी एसटीएफ अफसर उससे पूछताछ करते रहे। उसने साफ शब्दों में चुनौती दी कि कोई भी उसका कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
कानून व्यवस्था लचर है
आतंकी ने अफसर से कहा कि देश की कानून व्यवस्था लचर है। उसने कहा कि 65 से ज्यादा धमाके मैं कर चुका हूं और अब तक मुझ पर सिर्फ तीन आरोप ही साबित हुए हैं। मैंने पुलिस वालों को धमाके में मारा और वह अब तक खुद पर हुए हमले के साक्ष्य नहीं जुटा पाई। इसी से अंदाजा लगा लो कि क्या स्थितियां हैं।
कोई बड़ा संगठन मेरे बिना कुछ नहीं
आतंकी ने अफसरों से कहा कि कोई भी बड़ा आतंकी संगठन मेरे बिना कुछ नहीं है। जेल में रहकर मैं जो कर सकता हूं। वह कोई संगठन बाहर रहकर भी नहीं कर सकता।
सीएए पर विद्रोह की भूमि तैयार
आतंकी ने अफसरों को जानकारी दी कि सीएए और एनआरसी को लेकर पूरे देश में विद्रोह की एक बहुत बड़ी भूमि तैयार हो चुकी है। सरकार इसे नहीं समझ पाएगी तो उसे इसका अंजाम भुगतना पड़ सकता है।
किताब पढ़ने की सलाह दे गया जलीस
इसके बाद उसने डेंजरस माइंड नाम की किताब का जिक्र किया। डॉक्टर ने सुरक्षा एजेंसियों को बताया कि यह किताब मेरे ऊपर लिखी गई है। इसे पढ़ना जरूर बहुत से तथ्यों के बारे में और जानकारी मिल जाएगी। इस किताब को हुसैन जैदी ने लिखा है। हुसैन मुंबई के रहने वाले हैं और लम्बे समय तक उन्होंने अंडरवर्ल्ड और आतंकवाद पर काम कर कई लेख लिखे हैं।