उरण। पर्युषण महापर्व की आराधना करते हुए उरणवासियो ने उपासिका जी के सांनिध्य में समायिक दिवस मनाया गया। जिसमें उपासिका जी ने अभिनव समायिक का प्रयोग करवाते हुए समायिक की उपयोगिता पर अपने विचार रखे। वाणी संयम दिवस की उपयोगिता समझाते हुए हित मीत एवं मृदु बोलना चाहिए। अनावश्यक बोलना भी हिंसा है। तीनो बहानो ने अपने सार गर्भित विचार रखे। अणुव्रत चेतना दिवस पर उरण में विशेष अतिथि डॉ विकास मोरे को आमंत्रित किया। महिला मंडल ने मंगलाचरण तथा आगत अतिथियों का स्वागत सभा अध्यक्ष अमृतलाल मेहता ने किया। अणुव्रत आचार सहिंता का वाचन पूर्व सभाध्यक्ष किशन डांगी ने किया। इस अवसर पर उपासिका निर्मला दुगड़ ने आचार्य तुलसी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अणुव्रत को जीवन मे अपनाने की प्रेरणा दी। अणुव्रत समिति मुंबई के कार्याध्यक्ष रोशनलाल मेहता ने अपने विचार रखते हुए । अणुव्रत की महत्ता समझाई तथा अणुव्रत पत्रिका एवं अणुव्रत समिति के सदस्य बनने पर ज़ोर दिया। अणुव्रत उदबोधन सप्ताह की जानकारी दी। मुख्य अतिथि डॉ विकास मोरे ने अपने विचार रखते हुए अणुव्रत परिवार से जुड़ने पर अपना सौभाग्य माना। गुरुदेव के अवदानों की जानकारी ली। उपासिका डॉ सरोज जैन ने अणुव्रत एव पूज्य गुरुदेव आचार्य तुलसी के अवदानों की चर्चा करते हुए कहा समण श्रेणी, उपासक श्रेणी, गुरुदेव तुलसी की देन है। कविता के माध्यम से पूज्य गुरुदेव के गुणों का गुणगान किया। प्रवकता उपासिका ने अपने उदबोधन में प्रभु पार्श्वनाथ जीवन प्रसंग सुनाया। आज के युग मे हर जाती सम्प्रदाय एवं समाज मे व्याप्त करूढियो से अणुव्रत अपना कर दूर किया जा सकता है। अणुव्रत के नियमो की जानकारी देते हुए अणुव्रत को जीवन मे उतारने की प्रेरणा दी। विशेष अतिथि विकास मोरे का स्थानीय सभा द्वारा साहित्य देकर सम्मान किया गया। हस्तीमल मेहता ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम में गणपत बम्ब संयोजिका पुष्पा सिंघवी, कैलाश सांखला, कमल डांगी, लक्ष्मीलाल सांखला, दिनेश चपलोत, देवीलाल मेहता, आदि उपस्थित थे। मंच का कुशल संचालन सभा उपाध्यक्ष भेरूलाल धाकड़ ने किया। यह जानकारी सहमंत्री नरेंद्र मेहता ने दी।