आमतौर पर माना जाता है कि नौकरी करने वाले दंपत्ति को संतान की बेहतर देखभाल करने में तमाम मुश्किलों का सामना करना पड़ता है लेकिन एक शोध ने इस धारणा को न सिर्फ गलत साबित किया है बल्कि आधुनिकता का जीवन बसर करने वाली कामकाजी महिलाओं को योग्य मां करार दिया है।
महिलाओं के प्रमुख ब्रांड फेमिना ने भारतीय महिलाओं पर ‘ऑल अबाउट वीमन’ शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि नौकरीपेशा माताओं के लिए उनके बच्चे पहली प्राथमिकता है।
अपनी व्यस्तता में से समय निकालकर आधुनिक दौर के माता-पिता यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई एक अभिभावक बच्चों की निगरानी के लिए उनके साथ हर समय मौजूद रहे।
रिपोर्ट में आधुनिक नौकरीपेशा माताओं के जीवन के कई पहलुओं, जैसे उपभोक्ता व्यवहार, जीवनशैली, आदत, नया सामान खरीदने की ताकत और आपसी संबंधों समेत कई पक्षों को प्रस्तुत किया गया है। यह शोध देश के 1० बड़े और छोटे शहरों में रहने वाली 15०० से ज्यादा शहरी महिलाओं पर किया गया।
कामकाजी महिलाओं की लाइफस्टाइल के दिलचस्प उदाहरण पेश करते हुए रिपोर्ट में खुद की देखभाल के प्रति महिलाओं की बढ़ती दिलचस्पी को भी उभारा गया है। रिपोर्ट में बताया गया है कि टाइम की कमी, बिजी शेड्यूल और थकाने वाले डेली रूटीन के बावजूद नौकरीपेशा कामकाजी महिलाओं ने स्वस्थ खान-पान की आदतों से कोई समझौता नहीं किया। कामकाजी माताएं अपने और अपने परिवार की सेहत के प्रति काफी जागरूक हैं।
दफ्तर की जिंदगी और व्यक्तिगत जीवन में तालमेल के सवाल पर शोध में शामिल महिलाओं ने बताया कि वह अपने परिवार और सहयोगियों की सक्रिय मदद से नौकरी और निजी जिंदगी में संतुलन बनाने में कामयाब हो पाई हैं।