नई दिल्ली:जामिया मिल्लिया इस्लामिया में हिंसा के एक महीने बाद आज फिर प्रदर्शन किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी पुलिस के खिलाफ एफआईआर की मांग कर रहे हैं। जामिया के बाहर पहुंची जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय की छात्र संघ अध्यक्ष आईशी घोष ने कहा कि ‘हम इस लड़ाई में कश्मीर का पीछा और उनकी बात नहीं भूल सकते। उनके साथ जो हो रहा है कहीं न कहीं वहीं से इस सरकार ने शुरु किया था कि हमारे संविधान को हमसे छीना जाए।’
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन कानून पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में हिंसा हुई थी। जिसके बाद पुलिस कैंपस के अंदर घुसी थी और प्रदर्शनकारियों की पिटाई की थी। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन किया गया। इस हिंसा में डीटीसी की चार बसें, 100 निजी वाहन और पुलिस की 10 मोटरसाइकिलें क्षतिग्रस्त हो गई। पुलिस ने कहा कि उसने प्रदर्शनकारियों द्वारा ”उकसाए जाने के बावजूद ”अधिकतम संयम, न्यूनतम बल का इस्तेमाल किया।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्रों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प से क्षेत्र में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी। सड़कों पर आगजनी और झड़प के बाद दिल्ली पुलिस जामिया विश्वविद्यालय के परिसर में घुस गई जहां हिंसा में कथित तौर पर शामिल होने को लेकर कई लोगों को हिरासत में ले लिया। जामिया के छात्रों ने पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ पुलिस हेडक्वार्टर पर देर रात तक प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और विश्वविद्यालय में घुसने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
जामिया में जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष ने किया कश्मीर का जिक्र
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