नई दिल्ली:चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) की चुनावी फंडिंग को पहली नजर में गलत बताते हुए पार्टी को 20 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने को कहा है। मंगलवार को आयोग की ओर से आप को जारी नोटिस में कहा है कि पार्टी ने हवाला ऑपरेटर्स के जरिये लेनदेन को गलत तरीके से डोनेशन के रूप में दिखाया गया। आयोग ने यह नोटिस इनकम टैक्स की ओर से उपलब्ध कराए गए दस्तावेज के आधार पर दिया है।
इसे पहली नजर में AAP के खिलाफ सबूत मानते हुए कहा कि 20 दिनों में वे सफाई दें नहीं तो इन्हीं दस्तावेज के आधार पर कार्रवाई हो जाएगी। चुनाव आयोग अगर इन आरोपों को सही पाता है कि किसी राजनीतिक दल की मान्यता तक रद्द कर सकता है या उनके चुनाव चिह्न को जब्त कर सकता है। AAP ने चुनाव आयोग की इस नोटिस को लेखांकन के मूल तरीकों की ‘खराब व्याख्या’ बताया है। इसके साथ ही पार्टी ने केंद्रीय एजेंसियों पर उसके खिलाफ ‘पूर्वाग्रह’ रखने का आरोप भी लगाया है।
चुनाव आयोग के नोटिस में कहा गया कि 2015 में आप ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को जो रिपोर्ट सौंपी उसके हिसाब से कई अहम सूचनाएं छिपाई गईं। साथ ही कई गलत सूचनाएं भी दी गईं। लगभग 13 करोड़ का कोई हिसाब नहीं दिया गया। पार्टी पर यह भी आरोप लगा है कि 2 करोड़ रुपये हवाला के माध्यम से लिये गये और इसे चंदे में दिखा दिया गया।
इस बारे में पार्टी के वेबसाइट पर भी भ्रामक जानकारी दी गयी। मामला सामने आने के बाद पार्टी ने खाते में कई बार बदलाव भी किया। चुनाव आयोग ने कहा कि इन सब घटनाओं के बीच गड़बड़ी की बात पहली नजर में सही साबित लग रही है।
AAP की चुनावी फंडिंग पहली नजर में गलत: चुनाव आयोग

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