नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद में स्थित कांत एन्क्लेव में बने सभी वीवीआईपी बंगलों को जमींदोज करने का आदेश दिया है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को कहा कि ये सभी बंगले वन भूमि पर बने हैं। यहां किसी तरह के निर्माण की अनुमति नहीं दी जा सकती। यहां पूर्व मुख्य न्यायाधीश, पूर्व क्रिकेटर, सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी समेत कुछ बड़े व्यावसायियों के बंगले हैं।.
जस्टिस मदन बी. लोकुर और दीपक गुप्ता की पीठ ने हरियाणा के मुख्य सचिव को कार्रवाईके लिए 31 दिसंबर तक का समय दिया है। पीठ ने कहा कि पंजाब भूमि संरक्षण ऐक्ट, 1900 के तहत 18 अगस्त 1992 के बाद हुए सभी निर्माण ध्वस्त किए जाएं। जिन भूखंडों पर निर्माण नहीं है उनकी पूरी कीमत कांत एंड कंपनी 18% ब्याज के साथ निवेशकों को लौटाएगी। जहां निर्माण हो गया है, उसके लिए 50 लाख रुपये वापस किए जाएंगे। यह राशि कांत एंड कंपनी और शहर योजना विभाग आधी-आधी चुकाएंगे। आदेश का क्रियान्वयन देखने के लिए कोर्ट नवंबर के दूसरे हफ्ते में सुनवाई करेगा। पीठ ने कहा, इस योजना से अरावली पहाड़ों को जो नुकसान पहुंचाया गया है, उसकी भरपाई नहीं हो सकती। फिर भी जो भी उपाय हैं उन्हें किया जाना चाहिए। कोर्ट ने कहा कि कांत कंपनी ने एन्क्लेव विकसित करने में 50 करोड़ खर्च किए हैं। वह पांच करोड़ अरावली पुनर्वास फंड में 31 अक्तूबर तक जमा करे।
धज्जियां उड़ाते रहे
17 अप्रैल,1984 को सरकार ने आर कांत एंड कंपनी को फिल्म स्टूडियो व कांप्लेक्स बनाने के लिए 424.84 एकड़ भूमि दी। 19 अगस्त,1992 को इसे वन भूमि बताते हुए निर्माण पर रोक लगा दी गई। फिर भी मिलीभगत से निर्माण होता रहा। अब इस फैसले के बाद सारी जमीन वन विभाग को वापस मिल जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जमींदोज होंगे वीवीआईपी बंगले
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