परानुशासन से पहले हो आत्मानुशासन: आचार्य महाश्रमण
6.1.2020, सोमवार, काराटगी, कर्नाटक। जनकल्याण के लिए समर्पित अहिंसा यात्रा प्रणेता आचार्यश्री महाश्रमण के उग्रविहारों का क्रम तो मानों थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इसी क्रम में आज 21 किलोमीटर की पदयात्रा कर आचार्यश्री सिंधनूर से काराटगी में पहुंचे। लम्बी-लम्बी पदयात्राओं का क्रम दिन ब दिन भले लम्बाता जा रहा हो, किन्तु महातपस्वी आचार्यश्री के चेहरे पर थकान का नामोनिशां नहीं है, उस पर तो वही मुस्कान थिरक रही है, जो हजारों किलोमीटर लम्बी पदयात्रा की कल्पना करते समय थी। जन-जन को ऊर्जस्वल बनाने वाले इस महापुरुष को मानों परोपकार से ऊर्जा प्राप्त होती है। लम्बा सफर तय करने के बावजूद परोपकार परायण आचार्यश्री ने प्रवचन के दैनन्दिन क्रम से विश्राम नहीं लिया।
काराटगी में स्थित श्रीशरण बसवेश्वर इंग्लिश एण्ड कन्नड़ रेसीडेंशियल स्कूल में आयोजित कार्यक्रम में आचार्यश्री ने अपने प्रवचन में कहा- हमारे जीवन में अनुशासन का बहुत महत्त्व है। अनुशासन स्वयं पर हो सकता है और दूसरों पर भी हो सकता है। अनुशासन के दो प्रकार हैं- आत्मानुशासन और परानुशासन। परानुशासन भी हो सकता है, किन्तु पहले व्यक्ति को आत्मानुशासन पर ध्यान देना चाहिए। आत्मानुशासन के चार प्रकार हैं- इन्द्रियानुशासन, शरीरानुशासन, वचोनुशासन और मनोनुशासन। इन चारों अनुशासन के सधने पर आत्मानुशासन सिद्ध हो सकता है।
आचार्यश्री ने कहा कि खुद अच्छे बन जाएंगे तो दुनिया भी अपने लिए अच्छी बन सकेगी। अपना स्वभाव, अपनी आदतों को सुधार लें तो दूसरे लोग भी अच्छा व्यवहार कर सकेंगे। आप भला तो जग भला। आचार्यश्री ने कार्यक्रम में उपस्थित सैंकड़ों छात्र-छात्राओं को उत्प्रेरित करते हुए कहा–विद्यार्थियों को झूठ से बचने का प्रयत्न करना चाहिए। जहां सच्चाई होती है, वहां भवगत्ता होती है और जहां झूठ होता है, वहां भरोसा कम हो सकता है। आचार्यश्री ने विद्यार्थियों को एकाग्रता के विकास के लिए महाप्राण ध्वनि का प्रयोग भी करवाया।
परम पूज्य आचार्यप्रवर ने मुख्य प्रवचन कार्यक्रम से पूर्व विद्यालय परिवार को अहिंसा यात्रा की जानकारी प्रदान करते हुए संकल्पत्रयी स्वीकार करने का आह्वान किया तो विद्यालय के शिक्षकों व सैंकड़ों विद्यार्थियों ने अपने-अपने स्थान पर खड़े होकर अहिंसा यात्रा की प्रतिज्ञाएं ग्रहण कीं। श्रीशरण बसवेश्वर एज्युकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष श्री बी.जी. अराली ने आचार्यश्री के स्वागत में अपनी भावाभिव्यक्ति दी। कार्यक्रम में हचनल केम्प स्थित श्रीधर पब्लिक स्कूल के शिक्षक एवं विद्यार्थी भी उपस्थित थे।
संप्रसारक : सूचना एवं प्रसारण विभाग जैन श्वेताम्बर तेरापंथी महासभा