भायंदर। अणुव्रत चेतना दिवस के आज पांचवे दिवस पर तुलसी समवसरण भायंदर में मंगलाचरण- अब लक्ष्य बनाए, अणुव्रत अपनाए पर किशोरमंडल ने अपनी सुंदर प्रस्तुति दी । साध्वीश्री ललीता श्रीजी ने कहा छोटे-छोटे नियम का पालन करना नैतिक प्रिय होता है यही अणुव्रत की चेतना का मुख्यगुण है। संवत 2005 में अणुव्रत की आधारशिला आचार्यश्री तुलसी द्वारा अणुव्रत चेतना जागृत करने की नींव रखी । घिरे हुए को उठाना, इंसान को इंसान बनाना व नियमो का अच्छी तरह से पालन करना ही अणुव्रत का मिशन है। धोखा करने वाला हमेशा नीचे गिरता (डूबता) है साथ मे संयममय ही जीवन है, गरीब वर्ग पतन में जी रहा है और देश मे डेवलपमेन्ट हो रहा है- गीतिका सुनाई।
महिला मण्डल द्वारा- अणुव्रत का ये नारा, बदले जीवन सारा। अणुव्रती अणुव्रती बनकर लाखोजन को तारा गीतिका द्वारा शानदार प्रस्तुती दी गई। पंकजश्रीजी ने आज शासनश्री मुनि सुमेरमलजी स्वामी की स्मृति में 4 लोगस व महामंत्र का जाप कर उनके 10 दिन के संथारा लिया उनका स्मरण किया। शासनश्री साध्वीश्री केलाशवतीजी ने व्यक्ति की आदतों में सुधार करने, व्यसन की लत छुड़ाने हेतु तपस्या द्वारा मन को परिवर्तन करने का मार्ग बताया।
महावीर स्वामी के 25 से 27 वे भव का वाचन करते हुए बताया भगवान ऋषभ का जन्म तीसरे आरे में हुआ तथा महावीर स्वामी का जन्म त्रिशला माता के गर्भ से चौथे आरे में हुआ। त्रिशला माँ को चौदहवे स्वप्न्न में ही पूर्वानुभास कर लिया कि होने शिशु पराक्रमी, बहादुर, वीर तीर्थंकर के रूप में जन्म होगा। अतः कहते है कि कर्मो की लीला बडी विचित्र होती है। लावन चित गयो, मारो संकट वंदन हार, वंदन है त्रिशला माँ वंदन बारम्बार की गीतिका के माध्यम से भव को श्रेष्ठ बताया तथा भगवान महावीर स्वामी ने प्रतिज्ञा ली थी कि जब तक माता पिता जीवीत है तब तक दीक्षा नही लूंगा।
अणुव्रत चरित्र निर्माण का आंदोलन है, कथनी करनी की समानता, ज्ञान एवं आचरण की दूरी को कम करना, आचरण ही शुद्धि का मिशन-मानव धर्म, जीवन के विकास शक्ति को जगाने का दिव्य मंत्र, आवश्यकता का अल्पीकरण,ऊंचाई (आगे) बढ़ने का सरलतम मार्ग, अहिंसा शांती, पवित्रता और चरित्र का उदगम स्थल, व्यसनमुक्ति अणुव्रत का आदर्श, नाश से सन्मार्ग पर लाना ही व्रत से अणु की ओर लाकर अनेक बुराइयों से उबारने का मुख्य स्रोत ही अणुव्रत मार्ग है। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन किशोरमण्डल संयोजक गविश बोकड़िया ने अपनी अहम भूमिका निभाते हुए किया।
भायंदरः अहिंसा, चरित्र निर्माण व व्यसनमुक्ति-अणुव्रत चेतना का मार्ग
Leave a comment
Leave a comment