मुंबई। घाटकोपर समणी मल्लि प्रज्ञाजी समणी भास्कर प्रज्ञाजी के सानिध्य में घाटकोपर के भाटियावाडी के विशाल प्रांगण में पर्यूषण पर्व का पाँचवा दिन अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया गया समणी मल्लि प्रज्ञाजी ने अणुव्रत के बारे में विस्तार से समज़ाते हुए कहा की छोटे छोटे संकल्प लेकर हम अपने साथ साथ संघ के विकास में भी योगदान दे सकते है संगठन की मज़बूती के लिए छोटे छोटे नियम पर ध्यान देना ज़रूरी है छोटे छोटे व्रतों से जीवन की संरचना बदल जाती है महाव्रत सबके लिए सम्भव नहीं है पर अणुव्रत कोई भी स्वीकार कर सकता है चाहे जैन हो या अजैन
समणी भास्कर प्रज्ञाजी जी ने भगवान महावीर की बाल्यकाल की घटनाओ को बताया वर्धमान का नाम कब महावीर पड़ा इसके रहस्य को उदघतित किया पाँच कल्याणक मंत्र भी बताया। अणुव्रत समिति मुंबई के अध्यक्ष रमेश चोधरी, मंत्री चेतन कोठारी, सुरेश बाफ़ना, चन्द्रप्रकाश बोहरा, दीपेश सिंघवी, श्रवण चोरडिया राजेश कुमठ नरेश बाफ़ना, सुरेश मेहता टीम के साथ उपस्थित रहे। अभातेयुप से महामंत्री संदीप कोठारी उपस्थित थे सायन कोलीवाड़ा, चेम्बूर, विक्रोली, साक़ीनाका, कांजूरमार्ग, भांडुप काजूपाड़ा के एरियो की उपस्थिति रही तपोयज्ञ में घाटकोपर तेयुप के ३१ उपवास की बारी थी अनेक भाइयों ने पाँच की तपस्या का पचकान किया।
विमल सोनी, नरेन्द्र ताँतेड़, चाँदमल सोलंकी, हेमंद्र सोनी, सुरेश राठौड़ तेयुप मंत्री राकेश बड़ाला के साथ पूरी टीम व महिला मण्डल से मंजू कुमठ और पूरी टीम का सक्रिय सहयोग रहा।
पर्यूषण पर्व का पाँचवा दिन अणुव्रत चेतना दिवस के रूप में मनाया

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