HIV पीड़ित से भेदभाव करने पर होगी दो साल की सजा, लगेगा 1 लाख का जुर्माना

नई दिल्ली:एचआईवी एवं एड्स के मरीजों के साथ भेदभाव करना अब से दंडनीय अपराध हो गया है। ऐसा करने वालों को दो साल तक की जेल की सजा और एक लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को एचआईवी और एड्स (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम, 2017 की अधिसूचना जारी कर दी। यह कानून पिछले साल अप्रैल में ही पारित हो गया था। पिछले महीने दिल्ली हाईकोर्ट ने अधिसूचना जारी करने में विलंब के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय को फटकार भी लगाई थी।

एचआईवी और एड्स अधिनियम, 2017 के तहत एचआईवी-एड्स पीड़ितों के संपत्ति अधिकारों, स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के अधिकारों को संरक्षण प्रदान किया जाएगा। साथ ही उनके साथ सामाजिक भेदभाव को दंडनीय अपराध का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके तहत, किसी व्यक्ति के एचआईवी ग्रस्त होने की जानकारी सार्वजनिक करने, उनके खिलाफ नफरत फैलाने पर कम से कम तीन महीने की कैद की सजा का प्रावधान है, जिसे दो साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

एचआईवी पीड़ित को नौकरी न देने या निकालने पर भी सजा का सामना करना पड़ेगा। इस कानून को राज्यसभा ने पिछले साल 21 मार्च को, जबकि लोकसभा ने 11 अप्रैल को मंजूरी दे दी थी। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 20 अप्रैल को इसे अपनी मंजूरी दे दी थी।

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