चेन्नई:तमिलनाडु की एआईएडीएमके सरकार ने राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों को रिहा करने की सिफारिश की है। तमिलनाडु सरकार के मंत्री डी जयकुमार ने बताया कि राज्य कैबिनेट ने सातों हत्यारों को रिहा करने की सिफारिश राज्यपाल को भेज दी है। सभी सातों आरोपी आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 21 मई 1991 को 46 साल की उम्र में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में चुनावी रैली के दौरान लिट्टे की महिला आत्मघाती हमलावर ने धमाका कर हत्या कर दी थी। महिला हमलावर की पहचान धनु के रूप में हुई थी। इस धमाके में धनु समेत 14 अन्य लोग भी मारे गए थे। यह संभवत: पहला मामला था, जिसमें देश के एक प्रमुख नेता की आत्मघाती विस्फोट से हत्या की गई थी।
तीन दोषियों की सजा उम्रकैद में बदल दी थी
इस हत्याकांड के सिलसिले में ए जी पेरारिवलन उर्फ अरिवु, वी श्रीहरण उर्फ मुरूगन, टी सतेन्द्रराजा उर्फ संथम, जयकुमार, राबर्ट पायस, पी रविचन्द्रन और नलिनी 25 साल से जेल में बंद हैं। शीर्ष अदालत ने 18 फरवरी, 2014 को तीन मुजरिमों-मुरूगन, संथम और पेरारिवलन की मौत की सजा उम्रकैद में तब्दील कर दी थी क्योंकि उनकी दया याचिकाओं पर फैसला लेने में अत्यधिक विलंब हुआ था।
पेरारीवलन की दया याचिका पर विचार को कहा था
यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु के राज्यपाल से कहा था कि वह वर्ष 1991 में हुए राजीव गांधी हत्याकांड मामले में दोषी ठहराये गए ए जी पेरारिवलन की दया याचिका पर विचार करें। मंत्री जयकुमार ने कहा, हालांकि शीर्ष कोर्ट ने राज्यपाल से पेरारिवलन की याचिका पर विचार करने के लिए कहा था, लेकिन सरकार ने अन्य सभी को रिहा करने की सिफारिश करने का फैसला किया क्योंकि उन्होंने भी समयपूर्व रिहा किए जाने की मांग की थी।
केंद्र ने रिहाई का विरोध किया है
इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वह राजीव गांधी हत्याकांड के सात दोषियों को रिहा करने के तमिलनाडु सरकार के प्रस्ताव का समर्थन नहीं करती है। क्योंकि इन मुजरिमों की सजा की माफी से खतरनाक परंपरा की शुरुआत होगी और इसके अंतरराष्ट्रीय नतीजे होंगे। गौरतलब है कि डीएमके के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने भी कहा था कि राजीव गांधी हत्याकांड में सजा काट रहे एजी पेरारिवलन सहित सभी दोषियों को तत्काल रिहा करने के लिए तमिलनाडु सरकार को राज्यपाल से सिफारिश करनी चाहिए।