मुंबई: शपथ ग्रहण के 15 दिन बाद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने मंत्रालयों का बंटवारा किया। उद्धव ने अपने पास कोई भी विभाग नहीं रखा है। गृह और उद्योग विभाग शिवसेना के पास हैं। वित्त और ग्रामीण विकास विभाग राकांपा को दिए गए हैं। कांग्रेस को राजस्व, पीडब्ल्यूडी और ऊर्जा मंत्रालय सौंपा गया है।
किस मंत्री को कौन सा विभाग
मंत्री | विभाग |
एकनाथ शिंदे (शिवसेना) | गृह, शहरी विकास, पर्यावरण, पर्यटन, पीडब्ल्यूडी और संसदीय कार्य |
सुभाष देसाई (शिवसेना) | उद्योग, उच्च और तकनीकी शिक्षा, खेल और युवा, रोजगार |
जयंत पाटिल (राकांपा) | वित्त और योजना, आवास, खाद्य आपूर्ति और श्रम |
छगन भुजबल (राकांपा) | ग्रामीण विकास, सामाजिक न्याय, जल संसाधन, राज्य उत्पाद शुल्क |
बाला साहेब थोराट (कांग्रेस) | राजस्व, स्कूल शिक्षा, पशुपालन और मत्स्य पालन |
नितिन राउत (कांग्रेस) | पीडब्ल्यूडी (सार्वजनिक उपक्रम के अलावा) आदिवासी विकास, ओबीसी विकास, महिला और बाल विकास और राहत और पुनर्वास |
शपथ ग्रहण के 14 दिन बाद बांटे विभाग
विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद एक महीने से ज्यादा तक चली जद्दोजहद के बाद 28 नवंबर को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस ने गठबंधन करके सरकार बनाई थी। शपथ ग्रहण करने के 14 दिन बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रियों को विभाग बांटे। माना जा रहा है कि कुछ विभागों को लेकर तीनों पार्टी के नेताओं में खींचतान चल रही थी, इस वहज से विभागों के बंटवारे में विलंब हुआ।
शपथ लेने की तरीके पर जताई गई थी आपत्ति
उद्धव ठाकरे और उनके मंत्रियों के शपथ ग्रहण के तरीके पर महाराष्ट्र के राज्यपाल ने आपत्ति जताई थी। नियमों और तय प्रकिया का उल्लंघन करते हुए विधायकों ने राज्यपाल द्वारा शपथ शुरू करने से पहले अपने-अपने नेताओं और भगवान को याद कियाथा। किसी ने छत्रपति शिवाजी महाराज को स्मरण किया तो किसी ने बाला साहेब ठाकरे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और शरद पवार का नाम लिया। राज्यपाल ने आगे किसी भी कार्यक्रम में ऐसा न करने की हिदायत दी थी।
ठाकरे परिवार से मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता है उद्धव
ठाकरे परिवार का महाराष्ट्र की राजनीति में अलग वर्चस्व रहा है। लेकिन, ठाकरे परिवार से किसी ने न तो कभी चुनाव लड़ा और न ही किसी संवैधानिक पद को लिया। उद्धव ठाकरे के पुत्र आदित्य ठाकरे परिवार के पहले सदस्य हैं, जिन्होंने कोई चुनाव लड़ा हो और खुद उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री बनने वाले अपने परिवार के पहले सदस्य है।