भायंदर। नूतन चिंतन-नया विकास, युवकों में जागे विश्वास। अखिल भारतीय तेरापंथ युवक परिषद के तत्वावधान में आयोजित भायंदर में अभिनव सामायिक का कार्यक्रम युवको, महिलाओ किशोर व कन्यामण्डल द्वारा अभिनव सामायिक को आज नया आयाम दिया। साध्वी शारदा यशाजी ने ॐ अ सि या उ सा नमः के जाप में सभी को मग्न(लीन) किया। त्रि गुप्ति-मन-सोचे नही , वचन-बोले नही, काया-हिले नही का ध्यान करवाया साथ मे परमेष्ठी वंदना, स्वाध्याय चौबीसा का वाचन किया। मंगलाचरण तेयुप द्वारा जैनों का त्योहार आया, अब तक जो पाप किये, वो धोने का वक्त आया ।कि अच्छी प्रस्तुति दी गयी। साध्वि पंकजश्रीजी भिक्षु का शासन मिला, तुलसी का उपकार, सब आचार्यो को वंदन बारम्बार। भगवान महावीर ने सामायिक का विशेष बताया, सामायिक में 32 दोष व्याप्त है। सामायिक की शुद्धता अपनी आत्मा के लिए ही करनी होती है। सामायिक आत्मा का दर्पण शुद्ध सामायिक है। सामायिक का कोई मोल नही,सामायिक करने से देव आयुष्य बनता है। सामायिक में समता भाव-घुड़ की भेली कुत्ता खाय पर अपनी अभिव्यक्ति को दर्शाया। एक बार सामायिक जार ले-मुक्ति की कमाई कर ले ,मिट जाएगा जनम मरण, प्रभु का सुमिरण करले, नमस्कार मंत्र जप ले गीतिका के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी। समदृष्टि समता का विकास अभातेयुप महामंत्री संदीपजी कोठारी ने सभी को ज्यादा से ज्यादा सामायिक करने, नही तो कम से कम आज 4 सामायिक कआने का सभी को कहा। 48 मिनिट की सामायिक मन लगाकर शुद्ध भाव द्वारा समायिक का संकल्प करें साथ मे युवा वर्ग को भी सामायिक क्रम में अधिकतर जोड़े । शासन श्री साध्वी केलाशवतीजी ने भगवान महावीर स्वामी को वंदन करते हुए कहा सामायिक समयनुसार होनी चाहिए, चाहे कोई भी समस्या आये घबराना नही चाहिए एवं तीर्थंकर के 27 भवो की अभिव्यक्ति करते हुए बताया सामायिक सब कर्मो ओर पाप को दूर करता है। पूर्व सभा अध्यक्ष भंवरलाल जी भी सामायिक दिवस पर भायंदर आकर साध्वीवृन्द के दर्शन किये। कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक संचालन तेयुप अध्यक्ष विनोद डांगी ने किया।