जलगांव। संतो के जीवन का महान आदर्श है- तिन्नाणं तारयाणं। वे स्वंय साधना से स्व को भावित करते हैं और जनता को भी आत्म विकास का मार्ग दिखाते हैं। उस क्रम से पदयात्रा करते हुए आज हम सिललोढ़ शहर में आए हैं। यहां के श्रद्घालुओं में उमंग है। श्रद्धा के तेरह परिवार अपने करणीय के प्रति जागरूक हैं। रास्ते की सेवा, गोचरी, प्रवचन आदि सभी उपक्रमो में सबकी उत्साहपूर्ण सहभागिता रही है। आत्म विकास के लिए आप सभी यह आत्म चिंतन करे कि हमने क्या किया? क्या करणीय अवशेष है एवं कौनसा वह कार्य जिसे हम कर तो सकते हैं, पर करते नहीं है। आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या साध्वी निर्वाण श्री जी ने श्रद्घालुओं को संबंधित करते हुए ये उदगार व्यक्त किए।
डॉ साध्वी योगक्षेमप्रभा जी ने भगवान महावीर के सिद्धांत, अहिंसा, अपरिग्रह, अनेकांत आदि की प्रासंगिकता को रेखाकिंत किया। उन्होने आचार्य श्री महाश्रमण जी की अहिंसा यात्रा के संदर्भ में अवगति दी एंव शीघ्र महाराष्ट्र की धरती पर पहुंचने वाली उस यात्रा में सहभागी होने की प्रेरणा दी। उन्होने साध्वीयों का संक्षिप्त जीवन परिचय भी प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर साध्वी कुन्दन यशा जी ने अपने भावो की प्रासंगिक अभिव्यक्ति दी। साध्वी मधुर प्रभाजी ने प्रेरक गीत का संगान किया।
स्थानक वासी श्री संघ की ओर से श्री विजय जी जैन ने साध्वी श्री को कुछ अधिक प्रवास करने का भाव भरा अनुरोध किया।
दो दिवस के इस प्रवास में श्री सुभाष जी आंचलिया, डॉ नरेश जी चोरडिया को शय्यातर का विशेष लाभ प्राप्त हुआ। श्रीमति डॉ प्रवीणा चोरडिया ने भी इस प्रवास को अपने अहोभाग्य के रूप में स्वीकार किया।साध्वी श्री दिनांक 5 दिसंबर 2019 को प्रातः सिल्लोड पधारी। जलगांव से उपासिका श्रीमती वीणा छाजेड़ एवं उपसिका उमा सांखला रास्ते की सेवा में साथ में ही थी व सिल्लोड से भी बड़ी संख्या में भाई-बहन साध्वी श्री जी की अगवानी में पहुंचे। सिल्लोड वासियों का उल्लास देखते ही बनता था। तेरापंथ एवं स्थानकवासी समाज ने इस प्रवास का यथोचित लाभ लिया।मार्ग वर्ती उपासना में जलगांव से शुभकरण जी बैद, पवन शामसुखा, श्रीमती निर्मला छाजेड, श्रीमति मीनाक्षी बैद आदि के साथ सिललोड के महावीर जी बोथरा, मास्टर सौरभ बोथरा आदि विशेष सक्रिय रहे। उबड़ खाबड़ रास्ते में भी निष्ठा के साथ उपासना की। निलोड फाटा के लक्ष्मण जी कालते परिवार ने विशेष भक्ति का परिचय दिया।
प्रेषक :निर्मला छाजेड
सिललोड में निखरा श्रद्धा का रंग- साध्वी निर्वाण श्री जी
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