सिरोही: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को महिला सुरक्षा पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। उन्होंने महिला सुरक्षा को एक गंभीर मुद्दा बताया। राष्ट्रपति ने कहा- पॉस्को एक्ट के तहत दुष्कर्म के दोषियों को दया याचिका दायर करने का अधिकार नहीं होना चाहिए। संसद को इस मामले की समीक्षा करना चाहिए।
इस बीच गृह मंत्रालय ने निर्भया से दुष्कर्म के एक दोषी की दया याचिका राष्ट्रपति को भेज दी है। मंत्रालय ने राष्ट्रपति से इस याचिका को खारिज करने की सिफारिश भी की है।
दिल्ली सरकार पहले ही दया याचिका खारिज कर चुकी
अधिकारियों ने बताया- निर्भया के साथ दुष्कर्म और हत्या के एक दोषी विनय शर्मा की दया याचिका खारिज करने की दिल्ली सरकार की सिफारिश, गृह मंत्रालय ने राष्ट्रपति को भेजी है। दो दिन पहले दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने दोषी की दया याचिका खारिज करने का प्रस्ताव गृह मंत्रालय को भेजा था। गृह मंत्रालय ने अंतिम निर्णय के लिए फाइल राष्ट्रपति के पास भेजी है।
2012 में निर्भया की दुष्कर्म के बाद हत्या की गई
- 16 दिसंबर, 2012 की रात 23 साल की पैरामेडिक छात्रा निर्भया के साथ चलती बस में गैंगरेप हुआ था। दोषियों ने उसके साथ अमानवीय तरीके से मारपीट भी की थी। घटना में गंभीर घायल हुईं निर्भया को इलाज के लिए एयर एंबुलेंस से सिंगापुर ले जाया गया था, जहां उसने 29 दिसंबर, 2012 को दम तोड़ दिया था।
- 2 दिसंबर, 2018 को सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के साथ गैंगरेप और हत्या के चारों दोषियों को फांसी देने के लिए केंद्र को निर्देश देने संबंधी एक जनहित याचिका खारिज कर दी थी। मुकेश, पवन, विनय और अक्षय नाम के चार व्यक्तियों को इस मामले में फांसी की सजा सुनाई जा चुकी है।
- दिसंबर, 2018 में गैंगरेप पीड़िता के माता-पिता ने अदालत में याचिका दाखिल कर सभी चार दोषियों को फांसी दिए जाने की प्रक्रिया तेज करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया कि इस मामले में सजा पाने वाले दोषियों के सभी कानूनी अधिकार खत्म हो चुके हैं।