फिल्म ‘पति-पत्नी और वो’ कॉमेडी के जरिए कुछ ऐसी बात कह जाती है जो हर कपल को समझना जरूरी है। हालांकि यह फिल्म 1978 में इसी नाम से आई फिल्म का रिमेक है। फिल्म देखते समय दर्शकों के ठहाके भी सुनाई देते हैं और तालियां भी बजती हैं। ‘पति-पत्नी और वो’ के इस वर्जन में कार्तिक आर्यन, भूमि पेडणेकर, अनन्या पांडेय और अपारशक्ति खुराना ने मुख्य भूमिका निभाई है। जबकि निर्देशन मुदस्सर अजीज ने किया है।
कहानीः कानपुर का रहना वाला नौजवान अभिनव उर्फ चिंटू त्यागी (कार्तिक आर्यन) इंजिनियरिंग पास करके पीडब्ल्यूडी में इंजीनियर हो जाता है उसके बाद मां-बाप के इच्छानुसार लखनऊ की रहने वाली लड़की वेदिका तिवारी (भूमि पेडणेकर) को शादी के लिए देखने जाता है। चिंटू त्यागी के सवाल से पहले ही वेदिका अपने ब्रेकअप और वर्जिनिटी की बात बता देती है, जिसे सुनकर वह बाकी सवाल करता ही नहीं और खुशी-खुशी शादी के लिए राजी हो जाता है। शादी के बाद वेदिका एक क्लासेज में पढ़ाने लगती है और चिंटू त्यागी अपनी नौकरी में व्यस्त हो जाता है। इस दौरान वेदिका बड़े शहर दिल्ली में रहना चाहती है, जिसको लेकर अक्सर अभिनय को ताना मारती रहती है और मां-बाप जल्दी पोते का मुंह देखना चाहते हैं। घर में यह मचमच चल ही रहा होता है कि तभी तपस्या सिंह (अनन्या पांडेय) की एंट्री होती है, वह अपना बिजनस शुरू करने के लिए कानपुर में प्लॉट देखने आती है, जो इनके बॉस की रिलेशन में है और बॉस प्लॉट दिखाने की जिम्मेदारी चिंटू त्यागी को सौंप देता है। चिंटू स्टाइलिश तपस्या पर लट्टू हो जाता है। इसी बीच तपस्या को पता चलता है कि वह शादीशुदा है, पूछने पर चिंटू उससे झूठ बोलता है कि उसकी पत्नी का किसी और से अफेयर है, जिसे सुनकर तपस्या दुखी होती है। चिंटू तपस्या के करीब आने लगता है और तपस्या भी अटेंशन देने लगती है। आगे चलकर इस बात की जानकारी वेदिका को हो जाती है। आगे क्या होता है, इससे पहले क्या-क्या धमाकेदार घटनाएं हुईं, यह सब जानने के लिए एक बार थिएटर जाकर फिल्म जरूर देखें।
निर्देशन/अभिनय/गीतः मुदस्सर अजीज का निर्देशन काफी बढ़िया बन पड़ा है। हर एक सीन और सीक्वेंस पर उन्होंने काफी ध्यान दिया है। लोकेशन से लेकर हर एक मोमेंट को बेहतर बनाने के लिए उन्होंने अच्छी मेहनत की है। अभिनय की बात करें तो हमेशा की तरह कार्तिक आर्यन अच्छे लगे हैं, हालांकि उन्होंने कुछ अलग तो नहीं किया है बावजूद इसके कोई कमी भी नहीं छोड़ी है। भूमि पेडणेकर ग्लैमरस भी लगी हैं, साथ ही हाव-भाव, भाषा को बड़े बेहतर ढंग से पर्दे पर प्रस्तुत किया है। अनन्या की भी एक्टिंग बढ़िया रही है। अभिनव त्यागी के दोस्त फहीम रिजवी की भूमिका में अपारशक्ति खुराना ने मजेदार काम किया है, उनके अभिनय में पहले से अधिक निखार देखने को मिलेगा। साथ ही स्टूडेंट राकेश यादव के छोटे से रोल में शुभम कुमार के पंच यादगार बन गए हैं। बाकी कलाकार भी अच्छे लगे हैं। तनिष्क बागची का म्युजिक भी बढ़िया है। फिल्म के गाने पहले से ही हिट हो चुके हैं। कुल मिलाकर फिल्म पैसा वसूल है।
सुरभि सलोनी की तरफ से 4 स्टार
- दिनेश कुमार ([email protected])