नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बुधवार को 1984 सिख दंगों को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर तत्कालीन गृह मंत्री पीवी नरसिम्हा राव 1984 में इंद्र कुमार गुजराल की सलाह मान लेते, तो दंगे नहीं होते। मनमोहन सिंह ने यह बात गुजराल की 100वीं जयंती पर दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में कही।
मनमोहन ने कहा, ‘‘जब 1984 के दंगे हुए थे, तब शाम को गुजराल गृह मंत्री नरसिम्हा राव के पास गए थे। गुजराल ने उनसे कहा कि स्थिति बहुत नाजुक है। ऐसे में सरकार को जल्द से जल्द सेना को बुला लेना चाहिए, यही ठीक होगा। यदि गुजराल की वह सलाह मान ली गई होती तो नरसंहार को रोका जा सकता था।’’ 1980 के दशक में गुजराल कांग्रेस छोड़कर जनता दल में चले गए थे। 1984 के दंगों के दौरान उन्होंने नरसिम्हा राव को मित्रवत सलाह दी थी।
गुजराल देश के 12वें प्रधानमंत्री रहे
गुजराल अप्रैल 1997 से मार्च 1998 तक देश के 12वें प्रधानमंत्री रहे थे। वे इंदिरा गांधी और एचडी देवेगौड़ा के बाद राज्यसभा से प्रधानमंत्री बनने वाले तीसरे व्यक्ति थे। वे इंदिरा सरकार में 1975 में आपातकाल के समय सूचना और प्रसारण मंत्री भी रहे थे।
आपातकाल के बाद गुजराल-मनमोहन के बीच दोस्ती हुई
मनमोहन ने कहा, ‘‘उन्होंने (गुजराल) आपातकाल के दौरान काफी समस्याओं का सामना किया। उन्हें योजना आयोग से हटा दिया था। मैं तब वित्त मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार था। इसके बाद हम दोनों के बीच दोस्ती हुई थी।’’
अगर गुजराल की मानी होती बात तो टल सकता था 1984 का दंगा
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