क्या आप भी अपने लैपटॉप या कंप्यूटर सिस्टम को लंबे समय के लिए स्लीप मोड पर छोड़ देते हैं? अगर आप ऐसा करने वालों में शामिल हैं तो सचेत हो जाइए। हाल में गाजियाबाद में लैपटॉप के स्लीप मोड में होने के कारण तकनीकी कारणों से उसमें आग लग गई। इतना ही नहीं पूरे घर में आग फैल गई और बड़ी मुश्किल से किसी अनहोनी को टाला जा सका।
क्या है स्लीप मोड
जब आप लैपटॉप को स्विच ऑफ किए बिना उसकी लिड को बंद कर देते हैं या बहुत देर तक उस पर कोई काम नहीं करते तो वह स्लीमिंग मोड में चला जाता है। इसमें बैटरी की कम खपत होती है और सिस्टम को दोबारा ऑन नहीं करना पड़ता जिससे बड़ी आसानी से काम वहीं से दोबारा शुरू किया जा सकता है जहां छोड़ा था।
खतरनाक है लंबे समय तक स्लीपिंग मोड
– ज्यादा घंटे इस मोड पर रखने से सिस्टम की बैटरी पूरी तरह खत्म हो जाएगी
– लंबे समय तक ऐसा रखने से बैटरी क्षमता पर फर्क पड़ेगा और ज्यादा ऊर्जा खर्च होगी।
– बैटरी सेविंग या स्लीपिंग मोड का असर सीपीयू (सेंटर प्रोसेसिंग यूनिट) पर भी पड़ता है।
– डिवाइस को स्लीपिंग मोड पर छोड़ना कभी विस्फोटक भी हो सकता है
स्लीप की बजाय हैबरनेशन मोड प्रयोग करें
कंप्यूटर या लैपटॉप को स्लीपिंग मोड पर छोड़ने से बेहतर है कि आप हैबरनेशन मोड ऑन कर लें। यह विकल्प ऑन होते ही सिस्टम पर चल रहे काम का स्नैपशॉट विंडो पर सेव हो जाता है। जिसके बाद आप सिस्टम को टर्न ऑफ कर सकते हैं। यह स्लीप मोड से कम गति से प्रोसेस करता है इसलिए यह बैटरी को ज्यादा लंबे समय तक बचाए रखता है।
ऐसे बदलें सेटिंग : स्कीबोर्ड पर ‘स्टार्ट+आर’ की दबाएं फिर ‘पॉवरसीएफजी.सीपीएल’ लिखें। इससे विंडो पावर के विकल्प खुल जाएंगे। इससे पावर बटन के प्रयोग का विकल्प ‘स्लीप मोड’ से बदलकर ‘हैबरनेशन’ कर दें।
बैटरी सेविंग मोड पर ज्यादा मोबाइल चलाना भी खतरनाक
लैपटॉप की तरह मोबाइल में बैटरी सेविंग का विकल्प आपात स्थिति के लिए दिया जाता है। इस मोड पर कॉलिंग के फंक्शन के अलावा सिर्फ कुछ सीमित मोबाइल एप्लीकेशन ही काम कर सकती हैं। ऐसी स्थिति में अगर आप मोबाइल पर इंटरनेट या एप का ज्यादा इस्तेमाल करेंगे तो इससे सीपीयू और बैटरी क्षमता कमजोर होगी और मोबाइल गर्म होने लगेगा।