मुंबई: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने रविवार को मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करने का आदेश दिया। पिछले साल बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की नींव प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रखी था। इसका विरोध महाराष्ट्र के कई गांवों के किसानों ने किया था। किसानों ने जमीन देने से इनकार कर दिया था। शिवसेना भी ‘सामना’ में इसके खिलाफ कई बार लिख चुकी है।
उद्धव ने कहा, ‘‘हमारी आम आदमी की सरकार है। अगर आपने पूछा है तो हां, हम लोग बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का रिव्यू करेंगे। लेकिन, क्या मैंने बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट को रोकने के लिए कहा तो ऐसा नहीं है।’’ ठाकरे के शपथ लेने से पहले भी ऐसी खबरें आई थीं कि महाराष्ट्र सरकार बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग रोक सकती है।
प्रोजेक्ट में राज्य सरकार को भी 25% हिस्सा देना है
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट की फंडिंग में राज्य सरकारों को भी हिस्सा देना है। इसमें महाराष्ट्र का 25% हिस्सा है। कांग्रेस-राकांपा-शिवसेना की इस सरकार का दावा है कि वह जल्द ही महाराष्ट्र की आर्थिक हालत पर श्वेत्र पत्र लाएगी, क्योंकि राज्य सरकार पर करीब 5 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है।
2023 तक प्रोजेक्ट को पूरा करने की योजना
केंद्र सरकार की योजना है कि मार्च 2020 तक बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट का कामकाज शुरू कर दिया जाएगा। दिसंबर 2023 तक प्रोजेक्ट को पूरा करना होगा। जापान के सहयोग से प्रोजेक्ट के लिए अभी भी जमीन का सर्वे ही चल रहा है। गुजरात और महाराष्ट्र में बुलेट ट्रेन जिस रास्ते से गुजरेगी, वहां जमीन अधिग्रहण का काम पूरा नहीं हुआ है। इसको लेकर एक डिजाइन भी तैयार किया गया है। अहमदाबाद के साबरमती से सूरजपुर जंक्शन के रेलवे स्टेशन के ऊपर से ही बुलेट ट्रेन गुजरेगी। मल्टीलेवल पार्किंग की भी व्यवस्था की जाएगी। कुछ जगह से अंडरग्राउंड मेट्रो निकलेगी।
3,000 हजार रु तक होगा किराया
बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के एमडी अचल खरे ने सितंबर में बताया था कि इसका किराया करीब 3,000 हजार रुपए तक होगा। अहमदाबाद से मुंबई (508 किलोमीटर) के बीच बुलेट ट्रेन गलियारे में 12 स्टेशन होंगे। खरे ने कहा था- ‘इस पूरी परियोजना के लिए हमें 1380 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है जिसमें निजी, सरकारी, वन और रेलवे भूमि (गुजरात और महाराष्ट्र में) शामिल है।’
उद्धव ने बुलेट ट्रेन परियोजना की समीक्षा करने का आदेश दिया
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