पंकज श्रीवास्तव/पटना। सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार पर धोखाधड़ी के आरोप पर सुनवाई करते हुए गुवाहाटी उच्च न्यायालय ने कहा “सुपर 30 और रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में स्पष्ट अंतर होना चाहिए ताकि छात्र और अभिभावक ठगी के शिकार न हो।” दरअसल गुवाहाटी उच्च न्यायालय आज एक जनहित याचिका की सुनवाई कर रही थी। जिसे असाम के कुछ छात्रों डाला था इसमें छात्रों द्वारा कहा गया था कि सुपर 30 की ख्याति सुनकर नामांकन की आस लिये जब हमलोग पटना पहुँचे तो वहां सुपर 30 के संस्थापक आनंद कुमार ने हम सभी से 30-30 हजार रुपया लेकर अपनी निजी संस्थान रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में दाखिला दिला दिया। छात्रों का आरोप था कुमार 2008 से ‘सुपर 30′ नाम की कोई कक्षा नहीं चला रहे हैं लेकिन आईआईटी प्रवेश परीक्षा के नतीजे आने पर वह रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स के कुछ छात्रों के साथ मीडिया के सामने आते हैं और दावा करते हैं कि वे ‘सुपर 30’ से हैं तथा उन्होंने आईआईटी की प्रवेश परीक्षा उत्तीर्ण की है। पिछले सुनवाई के दौरान आनंद कुमार खुद कोर्ट के सामने हाजिर नहीं हुए। नाराज कोर्ट ने आज 28 तारीख को व्यक्तिगत रुप से उन्हें निर्देश दिया था। पेश नहीं होने की स्थित में जेल भेजने की भी बात कही थी। इसके अलावा उन्हें सभी छात्रों को 10-10 हजार रुपया देने की बात कही थी।
आज कोर्ट में आनंद व्यक्तिगत रुप से उपस्थित हुए और कोर्ट से अपनी अनुपस्थित के लिए कई बार माफी मांगा। तकरीबन 40 मिनट की इस सुनवाई में वो अपने अनुज प्रणव के साथ उपस्थित थे। कोर्ट के निर्देशानुसार उन्होंने सभी छात्रों को 10-10 हजार रुपये दिये। बाद में 6 पन्नों के अपने निर्णय में कोर्ट ने कहा कि मामला गुवाहाटी उच्च न्यायालय का नहीं बनता। छात्र चाहें तो इसे पटना हाईकोर्ट ले जा सकते हैं। बहरहाल कोर्ट ने फटकार लगाते हुए आनंद से कहा कि उन्होंने शिक्षा को घरेलू व्यवसाय बना लिया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा कि ‘सुपर 30’ और रामानुजम स्कूल ऑफ मैथमेटिक्स में स्पष्ट अंतर होना चाहिए ताकि छात्र और अभिभावक ठगी के शिकार न हों।
कोर्ट को सख्त ऐतराज था कि आनंद ने शिक्षा का बाजार वाद किया। गुवाहाटी उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता निलय दत्ता ने कोर्ट में आनंद कुमार का पक्ष रखा और इस बात पर डटे रहें कि मामला गुवाहाटी उच्च न्यायालय का नहीं है। वही भुक्तभोगी छात्रों की फरियाद वही के अधिवक्ता डॉ. अशोक सराफ ने रखा। गोयल की मांग थी आनंद कुमार के इस मामले की जांच की जिम्मेवारी किसी स्वतंत्र जांच एजेंसी को दिया जाए। जिसे कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया।
‘सुपर-30’ वाले आनंद कुमार अदालत में हुए पेश, गुवाहाटी उच्च न्यायलय ने की गंभीर टिप्पणी
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