उरण। यहां पर्युषण महापर्व के अंतर्गत प्रथम दिवस खाद्य संयम के रूप में मनाया गया। खाद्य संयम दिवस पर अपने विचार रखते हुए सहयोगी उपासिका निर्मला जी दुगड़ ने मित हित एवं ऋत आहार पर प्रकाश डाला। जयाचार्य निर्वाण दिवस पर बोलते हुए जयाचार्य श्री के जीवन पर प्रकाश डाला। सहयोगी उपासिका डॉ. सरोज जी जैन ने विज्ञान के आधार पर कैसे खाना, कब खाना एवं कितना खाना उस पर विस्तृत जानकारी दी।
प्रवक्ता उपासिका विमला जी ने कहा कि दबा-दबाकर नहीं चबा-चबाकर खाना चाहिए। संयम पूर्ण खाना चाहिए। आगम वाणी का श्रवण कराते हुए कालचक्र का विस्तृत वर्णन किया। उपासिका के सान्निध्य में उरण में अच्छी जागृति के संते मिले हैं। इस हेतु उरण समाज गुरुदेव के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करते हैं। डॉ. सरोज जी जैन एवं सुशीला मेहता ने सुमधुर गीतिका के द्वारा खाद्य संयम दिवस पर अपनी प्रस्तुति दी। उपासिका जी ने प्रातःकालीन योग एवं प्राणायाम, ध्यान के प्रयोग भी कराए जिसमें सभी भाई-बहनों ने अच्छी संख्या में भाग लिया। उपरोक्त जानकारी सभा के मंत्री रोशनलाल मेहता ने दी।
पर्युषण महापर्व – खाद्य संयम दिवस

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