त्याग के ही बाद अद्भुत आनंद की अनुभूति होती है: समणी मल्ली प्रज्ञा जी

मुंबई: पर्वो के महापर्व पर्युषण की शुरुवात पूरे देश भर में हो चुकी है। जैन धर्म में इस महापर्व की बड़ी विशेषता माना गया है। यही वजह है कि देश के हर क्षेत्र में विराजित चारित्रात्माओ के सानिध्य में भव्य धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। इसी कड़ी में घाटकोपर तेरापंथ युवक परिषद के अध्यक्ष लोकेश डांगी, मंत्री राकेश बडाला एवं तेयुप टीम के नेतृत्व में आचार्य श्री महाश्रमण जी की विदुषी शिष्या समणी प्रोफेसर डॉक्टर मल्ली प्रज्ञा जी एवं समणी श्री भास्कर प्रज्ञा जी के सानिध्य में पर्युषण के प्रथम दिवस को खाद्य दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया गया।

समणी प्रोफेसर डॉक्टर मल्ली प्रज्ञा जी ने मार्गदर्शन करते हुए फरमाया की आज का दिन परम उल्हास परम आनंद का दिन हैं। पर्युषण महापर्व के पावन अवसर पर क्रोध, अहंकार, जैसे दुर्गुणों का त्याग करना चाहिए। यह पावन पर्व त्याग तपस्या अध्यात्म का महापर्व हैं। आचार्य श्री तुलसी जी ने भविष्य को जानते हुए पर्युषण पर्व को विशेष दिवस में बाट दिया। ताकि अपने जीवन से जुड़ी चीजो को के प्रति जागरूक हो सके। समणी श्री भास्कर प्रज्ञा ने फरमाया की पर्युषण महापर्व पर्वो का राजा है। इस पावन अवसर पर आत्म सुद्धि का सुनहरा अवसर प्राप्त होता है उसका लाभ लेना चाहिए। साथ ही गीतिका के माध्यम से पर्युषण पर्व की महत्ता को चित्रीत किया।

महिला मंडल संयोजिका मंजू कुमठ ने स्वागत भाषण रखते हुए अपने भावों को रखा। महिला मंडल घाटकोपर ने मंगलाचरण गीतिका का संगान किया। मंच का कुशलतापूर्वक संचालन तेयुप अध्यक्ष लोकेश डांगी ने किया। कार्यक्रम में भारी संख्या में श्रावक समाज की उपस्थिति रही।

पर्युषण के प्रथम दिवस पर महिला मंडल राष्ट्रीय अध्यक्षा कुमुद कच्छारा, महासभा सह मंत्री रमेश सुतरिया, अणुव्रत समिति मुम्बई अध्यक्ष रमेश चौधरी, सिरियारी संस्थान अध्यक्ष ख्यालीलाल तातेड़, राजकुमार चपलोत, सलिल लोढ़ा, अशोक तातेड़, आदि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम को सफल बनाने में तेयुप उपाध्यक्ष दिवेश सिसोदिया, विमला बडाला, कोषाध्यक्ष जितेश धाकड़, सह मंत्री धनराज डांगी, राजेश धाकड़, संगठन मंत्री श्रवण चोरडिया, सुरेश राठौड़, सह संयोजिका आशा तातेड़, कोषाध्यक्ष लीला राठौड़ एवं कन्या मंडल आदि का रहा।

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