रमेश त्रिपाठी।।
अगर आपके पास आपकी कंपनी के अधिकारी या कर्मचारी की आधिकारिक ई-मेल आईडी से मदद के नाम पर रुपये मांगने का संदेश आए तो सावधान हो जाएं, क्योंकि यह साइबर ठगों का नया हथकंडा हो सकता है। साइबर अपराधी कंपनी की आधिकारिक ई-मेल आईडी हैक कर लेते हैं और फिर बॉस या कर्मचारी के नाम से सहकर्मियों को ई-मेल भेजते हैं। ये मुसीबत में फंसने का हवाला देकर उनसे कुछ रकम मांगते हैं। दिल्ली में चार महीने में ऐसी 59 शिकायतें पुलिस को मिली हैं।
इस तरह झांसे में लेते हैं साइबर अपराधियों के निशाने पर अमूमन बड़ी कंपनी में काम करने वाले लोग ही होते हैं। दरअसल, अपराधी शिकार की कंपनी की आधिकारिक ई-मेल आईडी को हैक कर लेते हैं। फिर कंपनी के बॉस या किसी सहकर्मी को ई-मेल भेजकर उनसे इमरजेंसी के नाम पर रकम अपने खाते में जमा करवाते हैं। हैकर्स कंपनी की ई-मेल आईडी हैक करने के बाद यह देखते हैं कि किस आईडी से अधिक ई-मेल मिली हैं या किन लोगों के बीच ई-मेल पर ज्यादा बातें होती हैं। ऐसे लोगों या कंपनी प्रमुख के नाम पर इमरजेंसी का हवाला देते हुए रकम भेजने को कहा जाता है।
बरतें ये सावधानियां
-एप और सॉफ्टवेयर को अपडेट करते रहें।
-सिक्योरिटी लॉक दिखे तो उसे अपडेट कर फिक्स कर लें
-हैकर की नजर पब्लिक वाई-फाई पर ज्यादा होती है, इसलिए मोबाइल डाटा या परिचित के हॉट स्पॉट का ही इस्तेमाल करें
-थर्ड पार्टी के एप के लिंक पर भूलकर भी क्लिक न करें
-फोन में वायरस आ गया है तो अपना पूरा डाटा ट्रांसफर कर दें
-किसी अंजान ई-मेल के लिंक पर क्लिक न करें
साइबर अपराध के चल रहे नए नए ट्रेंड के बारे में जागरूकता फैलाने की जरूरत है। साथ ही सख्त कानूनी कार्रवाई और जांच में विशेषज्ञों को शामिल करने की जरूरत है तभी हैकर्स पर लगाम लगाया जा सकेगा। – पवन दुग्ग्ल, साइबर विशेषज्ञ
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